गोरखपुर: पहले भाई फिर मां की मौत, कोरोना के डर से अब बाकी लोगों ने छोड़ा घर

टीम भारत दीप |

गांव में उसके घर की ओर कोई झांक तक नहीं रहा है।
गांव में उसके घर की ओर कोई झांक तक नहीं रहा है।

यहां एक परिवार में कोरोना से पहले बेटे, फिर मां की मौत हो गई। जहां बेटे की मौत तक तो परिवार के साथ लोगों की हमदर्दी दिखी। मगर मां की मौत के बाद गांव का कोई व्यक्ति कंधा तक देने नहीं पहुंचा। बताया गया कि दो मौतों के बाद डर इस कदर फैल गया कि किसी तरह से मां का अंतिम संस्कार करके दूसरे बेटे ने मकान में ताला बंद कर परिवार सहित गांव ही छोड़ दिया है।

गोरखपुर। कोरोना को लेकर मचे हाहाकार के बीच इसका खौफ रिश्तों की डोर भी तोड़ता नजर आ रहा है। इस दौर में ऐसे तमाम मामले देखने को मिल रहे हैं, जहां कोरोना की चपेट में आए व्यक्ति को उसके अपने अकेला छोड़ दे रहे हैं। ताजा मामला यूपी के गोरखपुर से सामने आया है। यहां  एक परिवार में कोरोना से पहले बेटे, फिर मां की मौत हो गई।

जहां बेटे की मौत तक तो परिवार के साथ लोगों की हमदर्दी दिखी। मगर मां की मौत के बाद गांव का कोई व्यक्ति कंधा तक देने नहीं पहुंचा। बताया गया कि दो मौतों के बाद डर इस कदर फैल गया कि किसी तरह से मां का अंतिम संस्कार करके दूसरे बेटे ने मकान में ताला बंद कर परिवार सहित गांव ही छोड़ दिया है। वहीं तब से गांव में उस घर की ओर कोई जा तक नहीं रहा है।

जानकारी के मुताबिक गोरखपुर के सहजनवां थाना क्षेत्र के थरूआपार निवासी रविप्रकाश ओझा के भाई 29 वर्षीय ओमप्रकाश का 26 अप्रैल को कोरोना के कारण निधन हो गया था। बताया गया कि जवान बेटे की मौत से मां सदमे में चली गईं। वहीं भाई ने अन्तिम संस्कार करने के बाद क्रियाक्रम की तैयारी शुरू कर दी। बताया गया कि तेरहवीं से पहले यानी आठवें दिन 4 मई को मां अरुणा देवी का भी निधन हो गया।

रवि प्रकाश के मुताबिक मां को तेज बुखार हुआ और सांस लेने मे दिक्कत हुई। तत्काल उन्हें सीएचसी ठर्रापार ले जाया गया। यहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया गया कि मां की मौत के बाद शव लेकर रवि घर पहुंचा। भाई की मौत के सदमे से अभी परिवार उबरा भी नहीं पाया था कि मां की मौत ने उन्हें और तोड़कर रख दिया।

वहीं ग्रामीणों में कोरोना का खौफ इस कदर हावी हो गया कि रवि की मां का शव दरवाजे पर पड़ा रहा मगर गांव का कोई भी व्यक्ति वहां नहीं गया। बताया गया कि रवि ने किसी तरह से रिश्तेदारों को बुलाकर मां का अंतिम संस्कार किया। इसमें रवि के ममेरे भाइयों ने सहयोग किया।

बताया गया कि मां और भाई की मौत ने रवि को इतना भयाक्रांत कर दिया कि दोनों का क्रियाक्रम किए बगैर ही अगले रोज भाई की पत्नी और बच्चों को उनके मायके भेजकर वह खुद भी घर में ताला बंद कर अपने परिवार के साथ खलीलाबाद भदाह स्थित अपनी ससुराल चला गया। इधर गांव के लोगों ने रवि के घर से काफी दूरी बना ली है। बताया गया कि गांव में उसके घर की ओर कोई झांक तक नहीं रहा है।

गौरतलब है कि अपनों की मौत के गम के बीच लगातार अपनों की सांसे टूट रही हैं। कोरोना त्रासदी के इस दौर में कई परिवारों में लगातार एक से अधिक लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही हैं। इस दौर में भावनात्मक रिश्तों के बीच मौत सबसे ज्यादा हो रही है। जानकारी के मुताबिक हाल के दिनों में पति की मौत पर कभी पत्नी तो पत्नी की मौत पर सदमे से पति की मौत हो जा रही है।

मां-बेटा और पिता-पुत्र की मौतों की खबरें सामने आ रही है। हाल के दिनों में ऐसी दर्जनों घटनाएं भी सामने आई हैं।
 


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