धूप हुई बेअसर: 40 साल में सबसे अधिक ठंडा रहा मेरठ, पारा 3.5 पर ठिठुरा

टीम भारत दीप |
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पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के असर से मैदानी इलाकों में शीतलहर अपना असर दिखा रही है।
पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के असर से मैदानी इलाकों में शीतलहर अपना असर दिखा रही है।

गुरुवार को मेरठ में दिन का तापपान 14.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो पिछले 40 सालों में 17 दिसंबर को सबसे अधिक ठंडा रहा। रात का न्यूनतम तापमान भी 3.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जिस कारण इस सीजन की सबसे अधिक ठंडी रात रही।

मेरठ। पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद मैदानी इलाकों में तेजी से रात का पारा गिर रहा है। दिन में चल रही शीत लहर चलने से ठंडी अपने सवाब पर पहुंच रही है।

मैदानी इलाकों में चल रही शीत लहर से हाड़कंपा देने वाली ठंड से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। गुरुवार को मेरठ में दिन का तापपान 14.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो पिछले 40 सालों में 17 दिसंबर को सबसे अधिक ठंडा रहा।

रात का न्यूनतम तापमान भी 3.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जिस कारण इस सीजन की सबसे अधिक ठंडी रात रही।शीत लहर चलने से दिन में कड़ाके की सर्दी का अहसास बढ़ता जा रहा है। रात में गिर रहे पाले के असर से न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे था। मौसम विभाग के अनुसार दिन में हवा की गति 6 से 8 किमी प्रति घंटा तक रही।

पछुवा हवाओं ने बढाई सर्दी 

विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के असर से मैदानी इलाकों में शीतलहर अपना असर दिखा रही है। गुरुवार को दिनभर चली तेज सर्द पछुवा हवाओं ने कंपकंपा कर रखा। धूप भी सर्द हवाओं की वजह से बेबस नजर आयी। पाला गिरने से गलन भरी सर्दी पड़ रही है। घर के अंदर भी ठंड से राहत नहीं मिल रही है।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ एन सुभाष के मुताबिक दिन का अधिकतम तापमान 14.9 डिग्री सेल्सियस रहा जो पिछले 40 सालों में सबसे अधिक ठंडे दिन के रूप में दर्ज हुआ। न्यूनतम 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। डॉ एन सुभाष के अनुसार अगले दो दिन तक मेरठ और उसके आसपास के इलाकों में कोल्ड डे कंडीशन बनी रहेगी।

बुजुर्ग रखे अपना ध्यान

डॉक्टरों का कहना है कि तेज ठंड से बचने का पूरा इंतजाम करके घर से निकले। वृद्ध लोग धूप निकलने के बाद ही टहलने निकले। छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखे। जरा सी भी परेशानी होने पर तत्काल विशेज्ञय डॉक्टर से इलाज कराए।
 


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