महंगाई: 400 रुपये बोरी पहुंच सकता है सीमेंट का दाम, घर बनाना हुआ मुश्किल

टीम भारत दीप |

17 सीमेंट कंपनियों के अध्ययन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
17 सीमेंट कंपनियों के अध्ययन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है।

दिपावली के बाद तेजी आई थी, लेकिन सीमेंट और सरिया के दाम फिर खेल बिगाड़ सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पेट्रोल-डीजल और कोयले के दामों का असर है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि यदि डिमांड बढ़ती है तो भाव में कुछ राहत मिल सकती है।

लखनऊ। सरकार ने भले ही पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाया हो, इसके बाद भी महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है। महंगाई की वजह से सीमेंट सरिया और ईंट की महंगाई की वजह से घर बनाना मुश्किल हो गया।  

सीमेंट का भाव 400 रुपये प्रति बोरी तक पहुंच सकता है। सीमेंट की कीमतें  रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है। अगस्त से अब तक पूरे देश में सीमेंट का भाव 10 से 15 रुपये बोली बढ़ गया है।

अब आने वाले दिनों में सीमेंट के दाम 15 से 20 रुपये बोरी और बढ़ सकते हैं। इसके साथ ही अधिकांश कंपनियों की सीमेंट 400 रुपये प्रति बैग बिकेगी। इसका सीधा असर रियल एस्टेट पर पड़ेगा। कोरोना काल के बाद से यह सेक्टर संघर्ष कर रहा है।

दिपावली के बाद तेजी आई थी, लेकिन सीमेंट और सरिया के दाम फिर खेल बिगाड़ सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पेट्रोल-डीजल और कोयले के दामों का असर है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि यदि डिमांड बढ़ती है तो भाव में कुछ राहत मिल सकती है।

मांग बढ़ने की उम्मीद

क्रिसिल की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, सीमेंट निर्माताओं की आय में इस वित्त वर्ष में 100-150 रुपये प्रति टन की गिरावट आएगी क्योंकि लागत बढ़ गई है। सीमेंट की बिक्री इस वित्त वर्ष में सालाना आधार पर 11-13% बढ़ने की उम्मीद है,।

मांग में यह बढ़ोत्तरी नाकाफी है। भारत में 75% की वॉल्यूम मार्केट शेयर वाली 17 सीमेंट कंपनियों के अध्ययन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है।क्रिसिल रिसर्च की निदेशक ईशा चौधरी के मुताबिक, सीमेंट का बाजार बुनियादी ढांचे, आवास और औद्योगिक क्षेत्रों में मांग के आधार पर तय होता है।

इस पर कोविड -19 का असर भी पड़ा है। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में सीमेंट की मांग में 20% से अधिक की मजबूत वृद्धि देखी गई, लेकिन दूसरी छमाही में यह आंकड़ा 3-5% तक रह सकता है।

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