क्रिसमस 2020: जानिए क्यों मनाते हैं क्रिसमस-डे, पढ़िए अनसुनी बातें

टीम भारत दीप |
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क्रिसमस ईसाई धर्म का प्रमुख पर्व है।
क्रिसमस ईसाई धर्म का प्रमुख पर्व है।

दुनियाभर में हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस-डे धूमधाम से मनाया जाता है।ईसाई धर्म की मान्यता अनुसार, इस दिन प्रभु ईशा मसीह का जन्म हुआ था।

धर्म डेस्क। दुनियाभर में हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस ईसाई धर्म का प्रमुख पर्व है। ईसाई धर्म की मान्यता अनुसार, इस दिन प्रभु ईशा मसीह का जन्म हुआ था। क्रिसमस के बारे में कई ऐसी बाते हैं जिसे लोग नहीं जानते हैं। आइए बताते हैं क्रिसमस के बारे में-

बता दें कि इस दिन लोग एक-दूसरे को मिलकर क्रिसमस डे की शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन लोग अपने घरों को सजाते-संवारते हैं और क्रिसमस ट्री भी लगाते हैं। इसके साथ ही क्रिसमस के दिन लोग अपने करीबियों को केक और मिठाई खिलाते हैं और साथ ही तोहफे भी देते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माना जाता है कि क्रिसमस ट्री घर में खुशियां लाता है। बता दें कि आज के दिन का बच्चों को खासा इंतजार रहता है। क्योंकि इस दिन बच्चों के प्यारे सांता क्लॉज उनको रात में तोहफे देते हैं।

बता दें कि दुनियाभर में प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिवस को लेकर मतभेद था। क्रिसमस का पर्व पहली बार रोम में 336 ईसा में मनाया गया था। इसलिए तभी से हर साल 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिवस मनाया जाता है।

वहीं अगर ईसा मसीह के जन्म की बात करें तो मान्यता है कि एक दिन मरियम को सपने में भविष्यवाणी सुनाई दी कि उनके घर में प्रभु यीशु का जन्म होगा। इसके कुछ दिन बाद ही मरियम गर्भवती हो गईं।

मरियम को गर्भावस्था के दौरान ही बेथलहम की यात्रा पर जाना पड़ा और रास्ते में रात ज्यादा होने पर मरियम ने एक गुफा में शरण ली। कथाओं के अनुसार, उस गुफा में पशु पालने वाले गड़रिए निवास करते थे। बता दें कि इसी गुफा में प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था।

ऐसी मान्यता है कि क्रिसमस पर सांता क्लॉज बच्चों को तोहफे देते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, 340 ईस्वी में 6 दिसंबर को संत निकोलस का जन्म हुआ था। संत निकोलस जब छोटे थे, तभी उनके माता-पिता का निधन हो गया था। दरअसल, संत निकोलस को ही सांता के रूप में जाना जाता है।

संत निकोलस एक भिक्षु थे जो घूम-घूमकर गरीबों और बीमारों की मदद करते थे। वो यूरोप के सबसे लोकप्रिय संतों में से एक थे। मान्यताओं के अनुसार, संत निकोलस क्रिसमस पर सांता क्लॉज बनकर बच्चों को रात में तोहफे देते थे क्योंकि उन्हें बच्चों से बेहद लगाव था और रात में तोहफे देने से उन्हें कोई पहचान भी नहीं पाता था।

बता दें कि वैसे तो सांता को सांता क्लॉज नाम से ही जाना जाता है लेकिन कुछ जगहों पर उन्हें जॉली ओल्ड, सैंट निक, फादर क्रिसमस, ओल्ड मैन क्रिसमस और क्रिस क्रिंगल के नाम से भी जाना जाता है।


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