लखनऊ:रेलवे की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी के नाम पर यूं बनाते थे लोगों को शिकार

टीम भारत दीप |

पुलिस अब गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।
पुलिस अब गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।

दरअसल रेलवे की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। जानकारी के मुताबिक इस गिरोह के खिलाफ गुजरात की क्राइम ब्रांच ने लखनऊ मध्य के डीसीपी सोमेन वर्मा को सूचना दी थी। जिसके बाद गुजरात व लखनऊ पुलिस ने संयुक्त रूप से गिरोह के तीन सदस्यों को धरदबोचा है।

लखनऊ। रेलवे की फर्जी वेबसाइट तैयार कर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए गिरोह के लोगों के पास से कई दस्तावेज व कंप्यूटर बरामद किया है।

दरअसल रेलवे की फर्जी वेबसाइट बनाकर  नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। जानकारी के मुताबिक इस गिरोह के खिलाफ गुजरात की क्राइम ब्रांच ने लखनऊ मध्य के डीसीपी सोमेन वर्मा को सूचना दी थी।

जिसके बाद गुजरात व लखनऊ पुलिस ने संयुक्त रूप से गिरोह के तीन सदस्यों को धरदबोचा है। बताया गया कि इनके पास से रेलवे से संबंधित कई दस्तावेज व कंप्यूटर बरामद किया है।

वहीं सर्विलांस सेल स्वाट टीम सेंट्रल प्रभारी इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार के अनुसार गुजरात राजकोट की क्राइम ब्रांच टीम से सूचना मिली थी कि कुछ लोग लखनऊ में बैठकर रेलवे की फर्जी वेबसाइट के माध्यम से युवाओं से लाखों की ठगी कर रहे हैं। मामले में पुलिस की जांच जारी है।

वहीं इंस्पेक्टर के अनुसार शुक्रवार को सूचना मिली कि कुछ लोग पुरानी रेलवे बिल्डिंग में युवक व युवतियों को रेलवे में भर्ती करवाने के लिए ट्रेनिंग दे रहे हैं। बताया गया कि इस पर दोनों टीमों ने मौके पर घेराबंदी कर तीन आरोपियों को धरदबोचा।

बताया गया कि पकड़े गए जालसाजों ने अपना नाम सुशांत गोल्फ सिटी निवासी हिमांशु पांडेय, पारा निवासी शशी प्रकाश गुप्ता व सूरज मौर्या बताया है। साथ ही पुलिस ने वहां से तीन कंप्यूटर, दो उपस्थिति रजिस्टर, ट्रेनिंग की टीचिंग सामग्री, 10 विभिन्न प्रकार की रेलवे की फर्जी मुहरें, विभिन्न बैंकों की पासबुक व रेलवे का मानचित्र भी बरामद किया है।

वहीं पुलिस के मुताबिक जालसाजों के अनुसार वे लोग रेलवे की फर्जी वेबसाइट के जरिए बेरोजगार युवकों व युवतियों का आवेदन पत्र स्वीकार करते थे। जिसमें प्रति व्यक्ति से 15 लाख रुपये लेकर उन्हें नौकरी देने की बात की जाती थी। बताया गया कि रकम मिलने के बाद उनका फर्जी रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाता था।

जिससे उन्हें नौकरी मिलने का पूरा विश्वास हो जाए। इसके बाद जालसाज उन लोगों को बुलाकर आलमबाग स्थित रेलवे कॉलोनी की एक पुरानी बिल्डिंग में प्रतिदिन ट्रेनिंग भी देते थे। वहीं गैंग का भंडाफोड़ होने के बाद पुलिस अब गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।


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