लखनऊ: ग्राहकों की ID पर फर्जी सिम बेचने वाला गिरोह सक्रिय, क्राइम ब्रांच ने दो को धरदबोचा

टीम भारत दीप |
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एक सिम कार्ड 500 रुपए में बेचते थे।
एक सिम कार्ड 500 रुपए में बेचते थे।

यूपी के कई जिलों में ऐसा गिरोह सक्रिय हो चुका है जो दूसरों की ID पर फर्जी तरीके से सिम कार्ड बेच रहा है। बताया जा रहा है कि ये लोग एक सिम कार्ड का 500 रुपए लेते थे। जानकारी के मुताबिक राजधानी लखनऊ से कानपुर क्राइम ब्रांच ने ऐसे गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ लिया है और अब इनसे पूछताछ चल रही है।

लखनऊ। ​यदि आप दुकान और सड़क किनारे लगे कैंप से अपनी ID पर सिम कार्ड खरीद चुके हैं या खरीदने वाले हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। नहीं तो आप बड़े  झमेले में पड़ सकते हैं। दरअसल यूपी के कई जिलों में ऐसा गिरोह सक्रिय हो चुका है जो दूसरों की ID पर फर्जी तरीके से सिम कार्ड बेच रहा है। बताया जा रहा है कि ये लोग एक सिम कार्ड का 500 रुपए लेते थे।

जानकारी के मुताबिक राजधानी लखनऊ से कानपुर क्राइम ब्रांच ने ऐसे गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ लिया है और अब इनसे पूछताछ चल रही है। वहीं क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए दोनों युवकों ने बताया कि वो अलग-अलग शहर में सड़क किनारे कैनोपी लगाकर सिम कार्ड बेचते थे। बताया गया कि बहुत से लोग अपनी ऑरिजनल ID पर सिम कार्ड लेने आते थे।

बताया गया कि एक ID से 10 सिम कार्ड एक्टिवेट हो सकते हैं। ऐसे में उनकी ID का इस्तेमाल करके ऐसे लोगों को सिम कार्ड दे दिया जाता था, जिनके पास ID नहीं होती थी या फिर वो अपनी ID पर सिम नहीं लेना चाहते थे। बताया गया कि ऐसे लोगों को एक सिम कार्ड 500 रुपए में बेचते थे।

इधर DCP क्राइम सलमान ताज पाटिल के मुताबिक कुछ दिनों पहले बीमाधारकों से दो करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले एक गैंग का खुलासा किया गया था। बताया गया कि पकड़े गए छह आरोपियों से पूछताछ में प्री-एक्टिवेटेड सिम महज पांच सौ रुपए में बेचने वाले गैंग का इनपुट मिला था।

बताया गया कि इसी आधार पर क्राइम ब्रांच सहारा मॉल लखनऊ के पास कैनोपी लगाकर सिम बेचने वालों को जाल बिछाकर दबोच लिया। बताया गया कि युवकों के नाम चंद्रहास पासी और आकाश सोनी हैं। वहीं पकड़े गए दोनों युवकों के पास से पुलिस ने 375 एक्टिवेटेड सिम कार्ड भी बरामद किया है। बताया गया कि इन लोगों को एक सिम पर सीधे तीन सौ से पांच सौ रुपए का मुनाफा हो रहा था।

वहीं जांच के दौरान युवकों के पास से सैकड़ों आधार कार्ड, वोटर आईडी समेत अन्य दस्तावेजों की फोटोकॉपी मिली हैं। बताया गया कि यह सभी सिम खरीदने वाले लोगों की आईडी का गलत इस्तेमाल करके उनके नाम पते पर सिम एक्टिवेट करके बेच रहे थे।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान
यदि आप नया मोबाइल सिम खरीदना चाहते हैं तो केवल उस कंपनी के ऑथोराइज्ड रिटेलर से ही खरीदें। साथ ही अपनी निजी जानकारी साझा करते समय इस्तेमाल किए जाने वाले बॉयोमैट्रिक मशीन को जांच लें। वहीं अपना अंगूठा लगाने के बाद रिटेलर से उसे कपड़े से साफ करने को कहें ताकि आपके अंगूठे के निशान उस पर से मिट जाए।

वहीं जानकार बताते हैं कि यदि आप अपना कोई डॉक्युमेंट जैसे पैन-कार्ड, आधार कार्ड की फोटो कॉपी दे रहें हैं तो उस पर क्रॉस साइन करना न भूलें। साथ ही उस डॉक्यूमेंट पर जिस काम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है वो लिखना नहीं भूलें। इसके साथ ही हमेशा डॉक्युमेंट पर इस तरह से साइन करें जिससे इसको दुबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सके।


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