लखनऊ: बीते चार माह से आतंक का पर्याय बने तेंदुए ने स​ड़क हादसे में यूं तोड़ा दम

टीम भारत दीप |

तेंदुए के शव को पोस्‍‍‍टमार्टम के ल‍िए लखनऊ के च‍िड़ि‍याघर भेज दिया गया है।
तेंदुए के शव को पोस्‍‍‍टमार्टम के ल‍िए लखनऊ के च‍िड़ि‍याघर भेज दिया गया है।

लखनऊ में आतंक का पर्याय बने तेन्दुए ने आज आखिरकार एक सड़क हादसे में दम तोड़ दिया। उसका शव बंधरा थाने से करीब सौ मीटर दूर स्थित अनुसंधान केन्द्र के मुख्य गेट के निकट बुरी तरह घायल स्थिति में मिला है।

लखनऊ। बीते चार माह से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आतंक का पर्याय बने तेन्दुए ने आज आखिरकार एक सड़क हादसे में दम तोड़ दिया। उसका शव बंधरा थाने से करीब सौ मीटर दूर स्थित अनुसंधान केन्द्र के मुख्य गेट के निकट बुरी तरह घायल स्थिति में मिला है। क्षेत्र के वनाधिकारी अभिषेक सिंह के मुताबिक किसी अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मारी है।

फिलवक्त घटना की सूचना मिलने के बाद बंथरा थाने की पुलिस के साथ वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। बताया गया कि तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के लिए प्राणी उद्यान केंद्र भेज दिया गया है। बताते चलें कि बीते करीब चार महीने यहां तेंदुए की दस्तक के बाद से लगातार दहशत का माहौल बना हुआ था।

बताया गया कि यहां तेंदुए की दस्तक के बाद यहां बंथरा अनुसंधान केंद्र के चहारदीवारी के ऊपर अंदपुर गांव के कुछ लड़कों ने तेंदुए को देखा था। जिसके बाद यहां दहशत का माहौल बन गया। बताया गया कि इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग के लोगों को भी दी गई थी। पहले पहल तो वन विभाग के लोग बिल्ली या फिर कोई और जानवर होने का अंदेश जता रहे थे।

लेकिन जब एक बार फिर उसे अनुसंधान केंद्र के गार्डों ने देखा और वन विभाग की टीम यहां पहुंची थी तो परिसर में उन्हें तेंदुए के पदचिन्ह मिले, जिसके बाद से तेंदुए की मौजूदगी का यकीन हुआ था। बताया गया कि तभी से वन व‍िभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए लगातार कोशिश में लगी रही लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिल पाई।

बताया गया कि तेंदुआ अनुसंधान केंद्र और इसके आसपास के इलाके में लगातार भ्रमण करता रहा। जिसे लेकर लोगों में लगातार दहशत का माहौल बना हुआ था। कहा जा रहा है कि वन विभाग की उदासीनता के कारण आखिरकार तेंदुआ एक बार फिर अनुसंधान केंद्र के परिसर के बाहर सड़क पर आ गया और किसी वाहन की चपेट में आकर उसने दम तोड़ दिया।

बताते चलें कि लखनऊ से कानपुर वाले जिस छोर पर तेंदुए का शव मिला है उस सड़क किनारे मिट्टी में करीब 50 मीटर दूरी तक उसके पदचिन्ह भी दिखाई पड़े है। यहां देखकर ऐसा लगता है कि अनुसंधान केंद्र से बाहर आया तेंदुआ वापस जा रहा था तभी वह हादसे का शिकार हो गया और उसकी मौत हो गई।

फिलवक्त तेंदुए के शव को पोस्‍‍‍टमार्टम के ल‍िए लखनऊ के च‍िड़ि‍याघर भेज दिया गया है।


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