लखनऊ: निर्माणाधीन मकान में सेफ्टी टैंक की शटरिंग गिरी, दम घुटने से ठेकेदार व मजदूर की मौत

टीम भारत दीप |

सेफ्टी टैंक में गिरकर  ठेकेदार और मजदूर की मौत हो गई।
सेफ्टी टैंक में गिरकर ठेकेदार और मजदूर की मौत हो गई।

जहरीली गैस के कारण दोनों थोड़ी देर में बेहोश हो गए। वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने आनन—फानन जेसीबी मंगवाई। साथ ही फायर बिग्रेड को सूचना दी। बताया गया कि जेसीबी से टैंक की दीवार तोड़ने के बाद फायर बिग्रेड से पानी खींचकर बाहर किया। इसके बाद दोनो को बाहर निकाला जा सका। वहीं पुलिस ने दोनों को सीएससी मोहनलालगंज भेजा। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के निगोहां थानाक्षेत्र के अन्तर्गत एक निर्माणाधीन मकान के सेफ्टी टैंक में गिरकर शनिवार को ठेकेदार और मजदूर की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस की सक्रियता से तीन लोगों को बचा लिया गया। बताया गया कि करीब 5 फिट तक पानी से भरे टैंक में जहरीली गैस बन रही थी।

वहीं JCB से टैंक तोड़कर दोनों को बाहर निकाला गया मगर तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। मिली जानकारी के मुताबिक यह मामला निगोहां के नगराम मोड़ का है। बताया गया कि निगोहां के हर कुंवर खेड़ा गांव के रहने वाले रविकेश के मकान में निर्माण कार्य चल रहा है। बताया गया कि मकान में सेफ्टी टैंक बनाने के लिए निगोहां के करनपुर गांव निवासी ठेकेदार बुद्धि लाल ने (32) शटरिंग लगा रखी थी।

शनिवार को शटरिंग निकालने के लिए बुद्धि लाल अपने मजदूरों के साथ यहां पहुंचे थे। बताया गया कि शटरिंग खोलने के दौरान बुद्धिलाल टैंक में गिर गए। वहीं आवाज सुनकर मजदूर संतोष उर्फ गोलू (22) बचाने के लिए टैंक में उतर गया। बताया गया कि टैंक में जहरीली गैस के कारण दोनों थोड़ी देर में बेहोश हो गए। वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने आनन—फानन जेसीबी मंगवाई।

साथ ही फायर बिग्रेड को सूचना दी। बताया गया कि जेसीबी से टैंक की दीवार तोड़ने के बाद फायर बिग्रेड से पानी खींचकर बाहर किया। इसके बाद दोनो को बाहर निकाला जा सका। वहीं पुलिस ने दोनों को सीएससी मोहनलालगंज भेजा। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया गया कि बुद्धिलाल और संतोष को बचाने के निगोहां गाँव के तीन अन्य लोग भी टैंक में उतर गए थे।

मगर गैस की वजह से अंदर पहुँचते ही वह भी छटपटाने लगे। ऐसे में पुलिस वालों ने रस्सी के सहारे तीनों खींच कर बाहर निकाला। वहीं मृतक के परिवारीजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया। उनके मुताबिक समय रहते पुलिस वाले टैंक में उतरकर बुद्धिलाल और संतोष को बाहर निकाल लिए होते तो उनकी जान बच जाती।


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