संक्रमण रोकने प्रवासियों की होगी स्क्रीनिंग किया जाएगा क्वारंटीन, गाइड लाइन जारी

टीम भारत दीप |

प्रदेश सरकार ने प्रवासियों के लौटने पर उन्हें क्वारंटीन करने निर्देश जारी किए हैं।
प्रदेश सरकार ने प्रवासियों के लौटने पर उन्हें क्वारंटीन करने निर्देश जारी किए हैं।

यदि कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं तो उन्हें कोविड-19 अस्पताल या फिर घर पर आइसोलेट किया जाएगा। जो लक्षण वाले व्यक्ति संक्रमित नहीं पाए जाते हैं उन्हें भी 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन में भेज दिया जाएगा।

लखनऊ। देश के महानगरों से लौट रहे प्रवासियों के उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के फैलाव में तेजी आई है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने प्रवासियों के लौटने पर उन्हें क्वारंटीन करने निर्देश जारी किए हैं।

लक्षण वाले जो व्यक्ति संक्रमित नहीं पाए जाते उन्हें 14 दिन और बिना लक्षण वाले लोगों को 7 दिन के लिए होम क्वारंटीन में भेजा जाएगा। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए लेटर जारी किया है। अपर मुख्य (स्वास्थ्य) ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि हर हाल में इन प्रोटोकॉल का पालन कराया जाए। 

इन नियमों का करना होगा पालन

शासन द्वारा जारी आदेश के तहत प्रवासियों के घर आगमन के बाद जिला प्रशासन उनकी स्क्रीनिंग करेगा। स्क्रीनिंग में किसी प्रकार के लक्षण पाए जाने पर उन्हें क्वारंटीन में रखा जाएगा।

जांच करने के बाद यदि कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं तो उन्हें कोविड-19 अस्पताल या फिर घर पर आइसोलेट किया जाएगा। जो लक्षण वाले व्यक्ति संक्रमित नहीं पाए जाते हैं उन्हें भी 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन में भेज दिया जाएगा। लक्षण न पाए जाने वाले व्यक्ति को 7 दिनों तक होम क्वावरंटीन रहना होगा 

प्रवासियों का दर्ज होगा विवरण

प्रवासियों के अपने जिले में पहुंचने के बाद जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा कि हर प्रवासी की स्क्रीनिंग के साथ-साथ, उनका पता, मोबाइल नंबर सहित अन्य लाइन लिस्टिंग तैयार की जाए।

प्रवासियों को जनपद में स्थापित क्वॉरंटाइन सेंटर में आने पर प्रभारी इन व्यक्तियों के नाम, पता व मोबाइल नंबर आदि तमाम विवरण अंकित करके अनिवार्य रूप से रजिस्टर बनाएगा।

इस रजिस्टर में आश्रय स्थल में आने वाले एवं आश्रय स्थल से अपने घर जाने प्रवासी की पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी। इस रजिस्टर पर प्रवासियों के हस्ताक्षर भी कराया जाएंगे, बिना पूर्ण विवरण प्राप्त किए किसी भी व्यक्ति को आश्रय स्थल से न जाने का निर्देश दिया गया है। 

गांव-गांव बनेगी निगरानी समिति

प्रदेश के बाहर से आने वाले ऐसे व्यक्तियों जिनके घरों में होम क्सवारंटीन की व्यवस्था नहीं है उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा।

ग्रामीण स्तर पर होम क्वारंटीन की व्यवस्था न होने पर इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन के लिए प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय या अन्य विद्यालय भवन को क्वारंटीन सेंटर बनाया जाएगा। यह कार्य राजस्व विभाग व ग्राम विकास विभाग को सुनिश्चित करना होगा।

सामुदायिक सर्विलांस तथा सहयोग के लिए जनपद प्रशासन के द्वारा या सुनिश्चित किया जाएगा कि ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम निगरानी समिति एवं शहरी क्षेत्र में मोहल्ला निगरानी समिति का प्रयोग किया गया है।


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