मिशन 2022: टिकट बांटने में सबसे आगे बसपा, सुरक्षित सीट समेत करीब 50% सीटों पर प्रत्याशी तय

टीम भारत दीप |

कांग्रेस की हालत भी कुछ वैसी है जैसी सपा और भाजपा की।
कांग्रेस की हालत भी कुछ वैसी है जैसी सपा और भाजपा की।

इस चुनाव में बसपा ने किसी से गठबंधन नहीं करना है। इसलिए उसे अपने सारे फैसले स्वयं लेने है। इसके विपरित सभी दलों ने किसी न किसी से गठबंधन किया है।ऐसे में उसको दूसरी पार्टी के साथ सामंजस्य बनाना पड़ रहा है। जैसे सपा के साथ प्रसपा, सुभासपा, रालोद, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), अपना दल (कमेरावादी), महान दल समेत कई पार्टी गठबंधन में हैं।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को सभी राजनीतिक दल अंतिम रूप दे रहे है। अब प्रत्याशियों के नाम तय करने की कवायद चल रही है। इस कवायद में सबसे आगे बसपा है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में बसपा को चुनावी दंगल में सबसे पिछड़ा बताया जा रहा हैं, लेकिन राजनीति की महारथी मायावती यूपी के चुनाव में सबसे अनुभवी खिलाड़ी है। इसी अपने अनुभव का मायावती जमकर इस्तेमाल कर रही है। 

अगर तैयारियों के विषय में जाने तो मायावती सबसे पहले से चुनावी तैयारी कर रही है। इस बार वह फ्रेश टीम के साथ मैदान में उतर रही हैं,और सबसे अधिक सीट पर प्रत्याशियों के नाम तय कर चुकी है। इसका एलान वह अपने जन्मदिन 15 जनवरी को कर सकती है। आपकों बता दें कि मायावती ने 2 महीने पहले से ही टिकट बंटवारे का काम शुरू कर दिया था। पार्टी ने सबसे पहले सुरक्षित सीटों पर अपने प्रत्याशी फाइनल किए हैं।

किसी से नहीं कोई गठबंधन

मालूम हो कि इस चुनाव में बसपा ने किसी से गठबंधन नहीं करना है। इसलिए उसे अपने सारे फैसले स्वयं लेने है। इसके विपरित सभी दलों ने किसी न किसी से गठबंधन किया है।ऐसे में उसको दूसरी पार्टी के साथ सामंजस्य बनाना पड़ रहा है। जैसे सपा के साथ प्रसपा, सुभासपा, रालोद, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), अपना दल (कमेरावादी), महान दल समेत कई पार्टी गठबंधन में हैं। किस दल को कितने टिकट देने हैं, इस पर भी उसे विचार करना है।

भाजपा में भी अभी स्थिति साफ नहीं

भाजपा की भी यही स्थिति है। उनके साथ निषाद पार्टी, अपना दल (सोनेलाल) समेत कई छोटे दल हैं। अभी सपा और भाजपा दोनों ही दल अपने-अपने सहयोगियों से बात करने में जुटे हैं। उधर, यूपी में आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम, राजा भैया की जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) आदि भी अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है, लेकिन इनका यूपी में कोई जनाधार नहीं दिखाई दे रहा है। 

कांग्रेस ने एक भी सीट फाइनल नहीं की

देश के सबसे पुराने दल कांग्रेस की हालत भी कुछ वैसी है जैसी सपा और भाजपा की। हालांकि कांग्रेस काफी  समय से यह दावा कर रही है कि उनके प्रत्याशी फाइनल होने की स्थिति में हैं। पार्टी ने 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने की बात कही है।

सूत्रों का कहना है कि उनको प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। इसकी वजह से टिकटों का ऐलान नहीं किया जा रहा है। प्रियंका गांधी कहती हैं कि करीब 100 सीटों पर प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। उन्हें क्षेत्र में भेज दिया गया है। मगर अभी तक ऑफिशियल इनकी घोषणा नहीं की गई है।

एक महीने का समय ही बचा है

यूपी में पहले चरण का चुनाव 10 फरवरी से होने है। ऐसे में ज्यादातर जिलों से लोगों का लखनऊ आना शुरू हो गया है। स्थिति यह है कि अगर किसी को टिकट फाइनल भी होता है, तो उसके पास चुनाव प्रचार के लिए एक महीने से भी कम समय बचेगा। कोरोना की परेशानियों के बीच रैली पर भी प्रतिबंध हैं। ऐसे में जनता तक पहुंचना और अपनी बात रखना सबसे मुश्किल काम होगा।

इसे भी पढ़ें...


संबंधित खबरें