यूपी का रण: 11 जिलों की 113 सीटों पर 127 मुस्लिम प्रत्याशी, जानिए कौन कहा से मैदान में

टीम भारत दीप |

पहले चरण की सीटों पर50 तो दूसरे चरण की सीटों पर 77 मुस्लिम उम्मीदवार चुनावी रण में हैं।
पहले चरण की सीटों पर50 तो दूसरे चरण की सीटों पर 77 मुस्लिम उम्मीदवार चुनावी रण में हैं।

यूपी की राजनीति को करीब से जानने वालों का कहना है कि इस बार भले ही तमाम वादों और दावों पर चुनाव लड़ा जा रहा है, इसके बाद भी जातिवाद को ध्यान में रखकर व्यू रचना की जा जा रही है। वहीं कुछ सीटों पर मुस्लिम मतदाता सीधे -सीधे हार जीत क फैसला करते है। यही कारण है कि भाजपा को छोड़ दिया जाए तो बाकी दलों ने मुस्लिमों पर खूब दांव लगाया है।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग को अभी तीन दिन बचे हुए, पहले चरण के बाद दूसरे, तीसरे फिर क्रम से सात चरणों में यूपी में नई सरकार चुनने के लिए मतदान होगा। ऐसे में राजनीतिक दलों ने सभी सीटों पर लगभग अपने सारे प्रत्याशी उतार दिए है। मतदाताओं को लुभाने के लिए हर जतन में जुटे है।

ऐसे में एक खास वर्ग को ध्यान में रखकर दलों ने व्यू रचना की है।यूपी की राजनीति को करीब से जानने वालों का कहना है कि इस बार भले ही तमाम वादों और दावों पर चुनाव लड़ा जा रहा है, इसके बाद भी जातिवाद को ध्यान में रखकर व्यू रचना की जा जा रही है।  वहीं कुछ सीटों पर मुस्लिम मतदाता सीधे -सीधे हार जीत क फैसला करते है। यही कारण है कि भाजपा को छोड़ दिया जाए तो बाकी दलों ने मुस्लिमों पर खूब दांव लगाया है।

विधानसभा चुनाव के शुरूआती दोनों चरणों में पश्चिमी यूपी की जिन 113 सीटों पर मतदान होने हैं, वहां मुस्लिम वोटों की संख्या ज्यादा है। पहले चरण में 11 जिलों की 58 और दूसरे चरण में नौ जिलों की 55 सीटों पर मतदान होना है।

इन सीटों पर सपा-रालोद गठबंधन, बसपा, कांग्रेस और ओवैसी की पार्टी ने जमकर मुस्लिमों को टिकट दिए हैं। इन दलों ने 127 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इनमें पहले चरण की सीटों पर50 तो दूसरे चरण की सीटों पर 77 मुस्लिम उम्मीदवार चुनावी रण में हैं।

दोनों चरणों का गणित

पहले चरण में सपा-रालोद गठबंधन के 13, बसपा के 17, कांग्रेस के 11 और एआईएमआईएम के 9 मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरे चरण में सपा-रालोद गठबंधन के 18, बसपा के 23, कांग्रेस के 21 और एआईएमआईएम के 15 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं। पिछले चुनाव में पहले चरण वाली 58 में से 53 और दूसरे चरण वाली 55 में से 38 सीटें भाजपा ने जीती थीं।

फैक्ट फाइल 

पश्चिमी यूपी की नौ सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर सब पर भारी हैं। इन नौ सीटों पर मुस्लिम वोटरों की तादाद करीब 57 फीसदी है।

मुरादाबाद शहर : मुस्लिम वोटरों की अधिकता से यहां से सपा ने युसूफ अंसारी को, बसपा ने इरशाद हुसैन को और कांग्रेस ने रिजवान कुरैशी को मैदान में उतारा है।

मेरठ सदर : यहां भी मुस्लिम वोटरों की संख्या ज्यादा होने से सपा ने वर्तमान विधायक  रफीक अंसारी पर ही दांव लगाया है। बसपा ने यहां से दिलशाद शौकत को टिकट दिया है।

रामपुर सदर : सपा ने अपने पुराने दिग्गज आजम खां पर दांव खेला है तो बसपा से सदाकत हुसैन चुनावी रण में हैं। कांग्रेस ने नवाब तालिम अली खां उर्फ नवेद मियां को टिकट दिया है।

संभल : सपा के टिकट पर इकबाल महमूद मैदान में हैं। कांग्रेस ने निदा अहमद और बसपा ने शकील अहमद को टिकट दिया है।

मुरादाबाद ग्रामीण : मुरादाबाद सीट पर पिछली बार सपा से हाजी इकराम कुरैशी जीते थे। सपा ने इस बार उनका टिकट काटा तो वे कांग्रेस से टिकट ले आए। सपा से नासिर कुरैशी चुनाव लड़ रहे हैं और बसपा से आकिल चौधरी चुनावी मैदान में हैं।

कुंदरकी : कांग्रेस से दरख्शां बेगम, सपा से जियाउर्रहमान बर्क और बसपा से हाजी रिजवान (सिटिंग एमएलए) चुनावी रण में हैं। पिछली बार रिजवान सपा से जीते थे। इस बार टिकट कटा तो वे बसपा से टिकट ले लाए।

अमरोहा नगर : अमरोहा में सपा से महबूब अली, कांग्रेस से सलीम खान, बसपा से नवेद अयाज चुनावी रण में हैं।

धौलाना : हापुड़ की धौलाना सीट से एआईएमआईएम ने हाजी आरिफ को, सपा ने असलम चौधरी को टिकट दिया है। पिछली बार बसपा ने असलम चौधरी को टिकट दिया था और वे जीत गए थे, पर इस बार असलम ने सपा ज्वाइन कर ली है। बसपा ने यहां बासिद अली को मैदान में उतारा है।

बेहट : सपा से उमर अली, बसपा से रईस मलिक चुनावी मैदान में हैं। दोनों पार्टियों ने ही मुस्लिमों पर दांव लगाया है।

सहारनपुर देहात : सपा-रालोद गठबंधन ने यहां से आशु मलिक को टिकट दिया है। एआईएमआईएम से मरगूब हसन चुनाव लड़ रहे हैं।


143 सीटें मुस्लिम बाहुल्य

  • प्रदेश की 143 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोटरों का अच्छा प्रभाव है।
  • करीब 70 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी 20 से 30 प्रतिशत के बीच है।
  • 43 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम आबादी 30 फीसदी से ज्यादा है।
  • 36 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम प्रत्याशी अपने बूते जीत हासिल कर सकते हैं।
  • 107 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम जीत हार तय कर सकते हैं।
  • मौजूदा विधानसभा में 23 मुस्लिम विधायक हैं। यह संख्या बीते 50 साल में सबसे कम है।

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