सोनभद्र: अविवाहित नाबालिग बन गई मां, बालिग होने पर की जाएगी शादी

टीम भारतदीप |
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सांकेतिक तस्वीर
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यूपी के सोनभद्र के एक गांव में प्रेम प्रसंग में अविवाहित नाबालिक लड़की के नवजात शिशु को जन्म देने का मामला सामने आया है। नाबालिग लड़का-लड़की दोनों आपस मे प्रेम करते थे। इसी दौरान उन दोनों के बीच संबंध बने।

सोनभद्र। यूपी के सोनभद्र के एक गांव में प्रेम प्रसंग में अविवाहित नाबालिक लड़की के नवजात शिशु को जन्म देने का मामला सामने आया है। लड़का और लड़की दोनों नाबालिग हैं। मामला सोनभद्र जिले के म्योरपुर थानाक्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक नाबालिग लड़का-लड़की दोनों आपस मे प्रेम करते थे। इसी दौरान उन दोनों के बीच संबंध  बने। जिससे लड़की गर्भवती हो गई और 4 दिन पहले नवजात शिशु को जन्म दिया। लड़की का कहना है कि उसने लोकलाज की डर से लड़के से शादी की बात कही, लेकिन लड़के ने साफ इनकार कर दिया।

लड़की ने बताया कि जब ये मामला गांव वालो के सामने आया तो गांव वालों ने भी लड़के और उसके परिवारीजनों को समझाने की कोशिश की। जिसके बाद भी लड़का और उसके परिजनों ने शादी करने से साफ इंकार कर दिया। बताया जाता है कि चूंकि लड़के की उम्र मात्र 16 साल है और वह भी नाबालिग है, इस लिए किसी का दबाव काम ना आ सका। इसके बाद जब बात नही बनी तो लड़की ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग का सहारा लिया और पूरी बात बताई।

बता दें कि महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल गांव में एक टीम भेजी और मामले की तह तक गयी। टीम का कहना है कि उन्हें इस मामले में जेजे एक्ट के कानून को भी ध्यान में रखते हुए पीड़िता को इंसाफ दिलाना था। इसके साथ ही उन्हें मानवीय आधार पर भी पीड़िता को न्याय दिलाना था।

अधिकारियों के अनुसार, उन लोगों ने अपने विवेक से दोनों नाबालिग की शादी के लिए दोंनो पक्षों के परिजनों को राजी कर लिया। जानकारी के मुताबिक, जब दोनों बालिग हो जाएंगे तब दोनों की शादी करा दी जाएगी। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की टीम का कहना है कि उन्होंने इस बात को लिखित में भी ले लिया है। जिससे भविष्य में लड़का या उसके परिवारवाले अपनी बात से पलट न सके।

सोनभद्र जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉ अमरेंद्र कुमार ने बताया कि मामला हमारे संज्ञान में आया है। उन्होंने बताया कि लड़की भी हमारे पास आई थी, जिसके बाद हमने एक टीम गांव भेजी थी। उन्होंने बताया कि उस टीम में संरक्षण अधिकारी के साथ परामर्शदाता भी गांव गए थे। जिससे भविष्य में तीनों को सुरक्षा और संरक्षण प्राप्त हो सके।

वहीं जब उनसे पूछा गया कि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश कैसे लगेगा तो उनका कहना है कि समय-समय पर प्रत्येक थानों के माध्यम से जागरूकता पैदा करते हैं, ताकि इस तरह के मामला सामने न आने पाए। उनका कहना है कि कभी- कभी मानवता के आधार पर भी फैसला लेना होता है।


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