मां ने बेटे की साथ मिलकर दिव्यांग बेटी को दी थी दर्दनाक मौत, पुलिस ने किया बेनकाब

टीम भारत दीप |

पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि न होने से पुलिस का शक गहराता गया।
पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि न होने से पुलिस का शक गहराता गया।

युवती के मानसिक मंदित होने के कारण घर वालों को शर्मिंदा होना पड़ता था। इसलिए उसका भाई करीब तीन माह से उसे मारने की साजिश बना रहा था। पर मां-बाप तैयार नहीं हो रहे थे। आखिरकार एक सप्ताह पूर्व इकलौते पुत्र की जिद के कारण मां-बाप ने भी तैयार हो गए।

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक सप्ताह पूर्व दिव्यांग बेटी से दुष्कर्म के बाद हत्या की खबर से पूरे जिले में आक्रोश फैल गया था।

पुलिस ने 12 दिन बाद इस जघन्य अपराध से पर्दा उठाया तो कोई विश्वास नहीं कर पा रहा है कि एक मां और उसका सगा भाई दिव्यांग बहन के साथ ऐसा कैसे कर सकते है। आपको बतादें कि  16 जनवरी की रात भाई ने ही युवती का गला कसकर हत्या की थी।

इस दौरान मां ने युवती के पैर पकड़ रखे थे, जबकि पिता सड़क किनारे रेकी कर रहा था। हत्या में शामिल युवती के पिता मंशाराम, मां मीना कुमारी और भाई हरिओम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। आइजी डॉ. संजीव गुप्ता ने भी आरोपितों से पूछताछ की।

इस घटनाक्रम से पर्दा उठाते हुए एसपी यमुना प्रसाद ने डीएम डॉ. आदर्श सिंह की मौजूदगी में बताया कि कोठी के कौरहापुरवा के कोटेदार मंशाराम की दिव्यांग पुत्री आरती देवी का शव 17 जनवरी की शाम जैदपुर के बीबीपुर में सरसों खेत में मिला था।

घर से करीब 500 मीटर दूर मिला युवती का शव नग्नावस्था में था और उसका गला दुपट्टे से कसा था। इसके  साथ ही उसके गुप्तांगों पर चोट के निशान थे। पिता ने दुष्कर्म के बाद हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

पुलिस ने इस हत्याकांड को सुलझाने के लिए वैज्ञानिक पद्धति और मैनुअल तरीके से आठ दिन तक गहन जांच पड़ताल और करीब 70 लोगों को से पूछताछ के बाद मामले का खुलासा किया था। 

ऐसे परिजनों पर हुआ शक

दिव्यां किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या की सूचना मिलने पर पुलिस तत्काल घटना स्थल पर पहुंचकर जांच की थी। पुलिस को ममौके से मिली चप्पल का नंबर चार था, जबकि मृतका के पैर का साइज सात नंबर का था।

पूछताछ में पता चला कि युवती चप्पल पहनती ही नहीं थी। इसी प्रकार गले में कसा दुपट्टा उसका बताया गया, जो वह पहनती ही नहीं थी। पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि न होने से पुलिस का शक गहराता गया। बरामद चप्पलों में गोबर लगा था, जो कि उसकी मां मीना के थे। इसकी पूछताछ में भी पुष्टि हुई।

इसलिए रची साजिश 

युवती के मानसिक मंदित होने के कारण घर वालों को शर्मिंदा होना पड़ता था। इसलिए उसका भाई करीब तीन माह से उसे मारने की साजिश बना रहा था। पर मां-बाप तैयार नहीं हो रहे थे। आखिरकार एक सप्ताह पूर्व इकलौते पुत्र की जिद के कारण मां-बाप ने भी तैयार हो गए।

फिर योजना बनाकर हत्या की गई। इसके बाद परिजनों को जानकारी हुई थी कि दुष्कर्म के बाद सरकार दो लाख रुपये की सहायता देती है। इस लालच में मां ने उसके गुप्तांग में चोट के निशान बना दिए, ताकि परिवार को सहायता मिल सके। 

हर कोई हैरान

पुलिस द्वारा हुई इस जघंय हत्याकांड के खुलासा करने के बाद गांव का हर कोई हैराना। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा है कि एक मां जिसने अपनी पुत्री को जन्म दिय वह इसलिए उसे मार देगी क्योंकि वह दिव्यांग हैं, इस अपराध में मृतका का भाई और पिता ने भी साथ दिया है। 


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