पीएम मोदी का वाराणसी दौरा: कमियों को प्रशासन ने पर्दे से छुपाया, स्वयंसेवक की उतरवाई काली टोपी

टीम भारत दीप |

कमियों को छुपाने के लिए प्रशासन को पर्दे लगाने पड़े।
कमियों को छुपाने के लिए प्रशासन को पर्दे लगाने पड़े।

गड्‌ढे और गंदगी जैसी कमियों को छुपाने के लिए प्रशासन को पर्दे लगाने पड़े। वहीं बीएचयू आईआईटी के ग्राउंड पर आयोजित प्रधानमंत्री के सभास्थल में आरएसएस के स्वयंसेवक की काली टोपी को पुलिस द्वारा उतरवाना सुर्खियों में बना रहा। वहीं हर बार की तरह इस बार काशीवासी अपने सांसद के शहर भ्रमण के दौरान हर-हर महादेव का उद्घोष कर उनका ​अभिवादन नहीं सके।

वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार को शहर आए तो यहां गड्‌ढे और गंदगी जैसी कमियों को छुपाने के लिए प्रशासन को पर्दे लगाने पड़े। वहीं बीएचयू आईआईटी के ग्राउंड पर आयोजित प्रधानमंत्री के सभास्थल में आरएसएस के स्वयंसेवक की काली टोपी को पुलिस द्वारा उतरवाना सुर्खियों में बना रहा।

वहीं हर बार की तरह इस बार काशीवासी अपने सांसद के शहर भ्रमण के दौरान हर-हर महादेव का उद्घोष कर उनका ​अभिवादन नहीं सके। दरअसल प्रधानमंत्री को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन करने के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के हेलीपैड से सड़क मार्ग से सिगरा जाना था। यहां सड़क किनारे विशालकाय गड्‌ढे खुदे हुए थे।

जिनको छुपाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने पर्दे लगवा दिए। वहीं बीएलडब्लू से मंडुवाडीह मार्ग पर ककरमत्ता में सड़क किनारे कूड़ा-करकट के लगे ढेर भी यहां की शान सरेआम गुस्ताखी कर रहे थे, इसे छिपाने के लिए भी पर्दा लगाया गया। हालांकि प्रधानमंत्री का इस रूट से आवागमन नहीं हुआ।

उधर प्रधानमंत्री के बीएचयू स्थित जनसभा स्थल में आगमन से पहले अचानक मुख्य द्वार बंद कर दिया गया, जिसके चलते बीएचयू के स्टाफ ही तीखी धूप में परेशान रहे। वहीं धूप में खड़े लोगों को कहना था कि सभास्थल यहां से 3 किलोमीटर से भी अधिक दूर है, ऐसे में मेन गेट बंद करने की भला क्या जरूरत थी।

वहीं बीएचयू आईआईटी के ग्राउंड में प्रधानमंत्री की सभा के बाद आरएसएस का एक युवा स्वयंसेवक पुलिसकर्मियों पर खासा नाराज दिखाई दिया। युवा स्वयंसेवक के मुताबिक काली टोपी स्वयंसेवकों की पोशाक का एक अंग है। इसके बावजूद भी पुलिस ने उसकी एक न सुनी और जबरन टोपी उतरवा दी।

बताया गया कि पुलिस ने उससे कहा कि काली टोपी के साथ सभास्थल में किसी भी सूरत में प्रवेश नहीं मिलेगा। अंतत: उसे अपनी काली टोपी पुलिस को देकर सभास्थल में जाना पड़ा। इसी प्रकार से एक युवक 2 मास्क पहना हुआ था। उसमें से ऊपर वाला 1 मास्क काले रंग का था। पुलिस ने उसे भी उतरवा दिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री संस्कृत विश्वविद्यालय से सड़क मार्ग से सिगरा जा रहे थे तो सड़क किनारे जिनके घर हैं, उन्हें उम्मीद थी कि वह उन्हें देखेंगे। वहीं काशी की परंपरा के अनुसार हर-हर महादेव का उद्घोष करेंगे। लेकिन उन लोगों को खासी मायूसी झेलनी पड़ी। बताया गया कि  पुलिस ने उनके घरों के खिड़की और दरवाजे सुरक्षा कारणों का हवाला देकर बंद करा दिया।

लोगों के मुताबिक प्रधानमंत्री पहले भी आते थे और लोग उनका अभिवादन करते थे। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि सुरक्षा का हवाला देकर पुलिस खिड़की और दरवाजा तक बंद करवा दिया।


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