सात माह बाद स्कूलों में लौटी रौनक, फेस मास्क लगाए कक्षाओं में दिखे छात्र

टीम भारत दीप |
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कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से छात्रों और अध्यापकों से पालन करना होगा।
कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से छात्रों और अध्यापकों से पालन करना होगा।

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार से 9 से लेकर 12 वीं तक के छात्रों को कुछ सुरक्षा इंतजामों के साथ पठन—पाठन कराने की अनुमति दे दी है।

लखनऊ। कोरोना के भय से सात माह बाद स्कूलों में फिर से छात्रों के सवालों क गुरुजी जवाब देते नजर आएंगे । प्रदेश सरकार ने सोमवार से 9 से लेकर 12 वीं तक के छात्रों को कुछ सुरक्षा इंतजामों के साथ पठन—पाठन कराने की अनुमति दे दी है। 


माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राजकीय विद्यालयों में संक्रमण रोकने के पुख्ता इंतजाम का दावा किया है। वहीं सहायता प्राप्त और वित्तविहीन विद्यालयों को बच्चों को कोरोना से बचाने की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। अधिकतर बड़े निजी स्कूल कोरोना को देखते हुए पहले 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को ही बुलाएंगे। 9वीं, 11वीं के छात्रों को दशहरे के बाद बुलाया जाएगा। वहीं, यूपी बोर्ड व सीबीएसई के सरकारी स्कूलों ने सोमवार से 9 से 12 तक के उन सभी छात्रों को बुलाने का निर्णय लिया है, जिनके अभिभावकों की सहमति मिल गई है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने बताया कि सोमवार से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों का संचालन दो पालियों में किया जाएगा। कक्षा 9 एवं 10 के लिए पहली पाली सुबह 8.50 से 11. 50 बजे और 11 एवं 12 के लिए दूसरी पाली दोपहर 12.20 से 3.20 बजे तक संचालित होगी

। जिला विद्यालय निरीक्षकों व स्कूल प्रबंधन को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी संचालन प्रक्रिया के मानकों (एसओपी) के अनुसार ही स्कूलों का संचालन के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए सुरक्षित शारीरिक दूरी का कठोरता से पालन करना होगा।

हर बच्चे के स्कूल में प्रवेश से पूर्व थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर की व्यवस्था करनी होगी। एवं बच्चों के ​हाथ धोने के लिए हैंडवाश या साबुन की पर्याप्त इंतजाम करने होंगें।मालूम हो कि बच्चों को स्कूल भेजने में अभी अभिभावक रूचि नहीं ले रहे है। परिजनों को अभी भी अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता सता रही है। अ​भी तक कोई वैक्सीन नहीं बनने से लोगों के अंदर कोरोना का भय अभी भी व्यापत है।  

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सभी जिलों में अभिभावकों से लिखित सहमति नहीं मिल रही है। इसके बिना विद्यार्थी को पठन-पाठन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। विभाग को उम्मीद है कि एक बार स्कूल खुलने के बाद अभिभावक रुझान देखकर अनुमति देने लगेंगे।

यह सावधानी रखनी होगी स्कूल आने वाले बच्चों को मास्क लगाना होगा, घर से पानी की बोतल लानी होगी। स्कूल परिसर में प्रवेश से पहले स्क्रीनिंग करानी होगी, साथियों से पर्याप्त दूरी बनाकर रखनी होगी।सैनिटाइजर और हाथ धोने का ख्याल रखना होगा। किसी से किसी प्रकार का लेनदेन नहीं करना होगा। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन को कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से छात्रों और अध्यापकों से पालन करना होगा। 
 


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