मुरादाबाद के सपा सांसद बोले- मुस्लिम लड़के हिन्दू लड़कियों को बहन मानें, नहीं तो लव जिहाद में फंसोगे

टीम भारत दीप |

मुस्लिम लड़कों को अपने को इस कानून से दूर रखना है तो उनको हिन्दू लड़कियों को बहन समझना होगा।
मुस्लिम लड़कों को अपने को इस कानून से दूर रखना है तो उनको हिन्दू लड़कियों को बहन समझना होगा।

इस समय उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में लव जिहाद का मुद्दा गर्माया हुआ है। योगी सरकार जहां कानून बनाकर इसे रोकना चाह रही है। वहीं कुछ राजनीतिक दल से चुनावी स्टंट बताने में जुटे हुए है। इसी बीच मुरादाबाद के सांसद बयान सामने आया है। सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि लव जिहाद पर सरकार जो कानून बनाया है, वह पॉलीटिकल स्टंट है।

मुरादाबाद। इस समय उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में लव जिहाद का मुद्दा गर्माया हुआ है। योगी सरकार जहां कानून बनाकर इसे रोकना चाह रही है। वहीं कुछ राजनीतिक दल से चुनावी स्टंट बताने में जुटे हुए है।

इसी बीच मुरादाबाद के सांसद बयान सामने आया है। सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि लव जिहाद पर सरकार जो कानून बनाया है, वह पॉलीटिकल स्टंट है। सांसद ने मुस्लिम लड़कों को नसीहत दी कि हिन्दू लड़कियों को अपनी बहन समझें।

किसी के बहकावे में आकर ऐसा कोई काम न करें जिससे बाद में परेशानी उठानी पड़े। उन्होंने कहा कि इस सरकार के पास ऐसे कानूनों की भरमार है।कौन सा दांव कब चलना है उनको पता है। यह सरकार हमेशा से हिन्दू-मुस्लिमों के बीच दूरी बनाने में लगी है।

सांसद ने आगे कहा कि सालों से हिन्दू लड़के मुस्लिम लड़की और मुस्लिम लड़के हिन्दू लड़कियों से शादी करते रहे हैं। जब तक घर में सामंजस्य रहता है तब तक तो घर ठीक से चलता है लेकिन जब सोसाइटी में शादी को लेकर विरोध होने लगते हैं तो हिन्दू मुस्लिम शुरू हो जाता है।

ऐसे में अब मुस्लिम लड़कों को अपने को इस कानून से दूर रखना है तो उनको हिन्दू लड़कियों को बहन समझना होगा।मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए कानून के तहत लव जिहाद कहे जाने वाले मामले को ही गैर कानूनी धर्मांतरण माना जाएगा।

ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान किया जा सकता है। मध्य प्रदेश सरकार ने अपने प्रस्तावित बिल में पांच साल की सजा का प्रावधान किया है। देश के अन्य राज्य भी इस तरह का कानून बनाने की तैयारी है। 

पीडित द्वारा शिकायत होने पर विवाह कर रहे युवक-युवती पर ही अपनी सच्चाई साबित करने का भार होगा कि वे जोर-जबरदस्ती से ऐसा नहीं कर रहे, न ही यह लव जिहाद है। सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अपने पद का इस्तेमाल करके ऐसे विवाह कराता है तो उसे भी पांच साल की सजा होगी। मसलन एसडीओ, थानाधिकारी या अन्य।

यदि किसी केस में लव जिहाद साबित हो गया और प्रोसिक्यूशन करना है तो ऐसे प्रकरणों के बारे में फैसला शासन स्तर यानी गृह विभाग करेगा। अभी आईटी एक्ट या धारा 153 (ए) में यही प्रावधान है जो सांप्रदायिक विवाद से जुड़े हैं।

माता-पित्ता, भाई-बहन या रक्त संबंधी की शिकायत पर लव जिहाद से हुए विवाहों के मामले में फैमिली कोर्ट को यह अधिकार होगा कि वह ऐसी शादी को निरस्त कर सके।यदि कोई धर्म परिवर्तन से जुड़ा मसला है तो परिवार को एक माह पहले आवेदन तो देना ही है।

मालूम हो कि हरियाणा में हिन्दू लड़की ​नीकिता की मुस्लिम लड़के द्वारा गोली मारकर हत्या करने के बाद देशभर में लव जिहाद के ​खिलाफ कानून बनाने की मांग तेज हो गई थी, सबसे पहले यूपी सरकार ने लव जिहाद पर कानून बनाया, फिर एमपी सरकार, इसके बाद हरियाणा में भी कानून लाने की तैयारी की जा रही है। 


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