दरोगा साहब की घरवाली ने दर्ज कराई शिकायत, कहा दिन—रात ड्यूटी, नहीं देते समय

टीम भारत दीप |

दरोगा ने पत्नी की काउंसिलिंग कराने का निर्णय लिया।
दरोगा ने पत्नी की काउंसिलिंग कराने का निर्णय लिया।

ताजा मामला पुलिस की उस तस्वीर को उजागर करता है जिसमें ड्यूटी निभाने के चक्कर में घरवालों से वो दूर हो जाते हैं। दअसल शहर के एक थाने में तैनात दरोगा साहब काम की व्यस्तता में ऐसे घिर गए कि पत्नी को समय नहीं दे पा रहे। जिससे घर में रार पैदा हो गई।

आगरा। यूं तो पुलिस को लेकर आम आदमी की धारणा अलग ही रहती है। लेकिन उनकी नौकरी भी कांटों भरे ताज से कम नहीं होती। उनके काम का समय निश्चित नहीं होता है। ऐसे में ड्यूटी करें तो घरवाली नाराज, न करें तो अफसर नाराज।

दरअसल ताजा मामला पुलिस की उस तस्वीर को उजागर करता है जिसमें ड्यूटी निभाने के चक्कर में घरवालों से वो दूर हो जाते हैं। दअसल शहर के एक थाने में तैनात दरोगा साहब काम की व्यस्तता में ऐसे घिर गए कि पत्नी को समय नहीं दे पा रहे। जिससे घर में रार पैदा हो गई। पति-पत्नी में मनमुटाव बढ़ने लगा।

बताया गया कि जब बात हद से गुजर गई तो दरोगा ने पत्नी की काउंसिलिंग कराने का निर्णय लिया। रविवार को वह पत्नी के साथ परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे। बताया गया कि कांउसिलिंग में पति-पत्नी को समझाया गया। दरोगा से पत्नी को समय देने के लिए कहा। इसके बाद दोनों खुशी से घर चले गए।

जानकारी के मुताबिक दरोगा की शादी को दो साल हो गए हैं। कामकाज में अधिक होने से दरोगा साहब अपनी घरवाली को समय नहीं दे पा रहे थे। पत्नी ने कई बार टोका, लेकिन वह व्यस्तता का हवाला देकर वह ज्यादा देर बात नहीं करते। बताया गया कि कभी मोबाइल में तो कभी फाइलों में घिरे रहते।

कई बार देर रात घर पहुंचते। पत्नी पूंछती तो थाने का जरूरी काम बता देते। इस कारण कुछ महीने में उनकी घर—गृहस्थी में खटास पैदा होने लगी। खटास ऐसी कि जैसे ही दोनों का सामना होता झगड़ा शुरू हो जाता। दरोगा को पता चला कि परिवार परामर्श केंद्र में पति-पत्नी के बीच की दूरी को मिटा दिया जाता है।

नाम और पता भी गोपनीय रखा जाता है। इसी वजह से उन्होंने यहां आने का मन बनाया। बताया गया कि रविवार को दरोगा ने केंद्र प्रभारी कमर सुल्तान से फोन पर संपर्क किया। कहा कि वह पत्नी की काउंसिलिंग कराना चाहते हैं। पति-पत्नी एक ही बाइक से पुलिस लाइन में आए। जिसके बाद काउंसलर के पास पहुंचे।

प्रभारी निरीक्षक कमर सुल्ताना के अनुसार दरोगा की पत्नी ने जब अपनी शिकायत दर्ज करानी शुरू की तो हमने दरोगा की पत्नी को समझाया कि हर पुलिसकर्मी काम को प्राथमिकता देता है। बताया कि पुलिस की नौकरी का कोई समय निश्चित नहीं होता। कई घंटे से लेकर दिन तक लगना पड़ता है।

उसे यह समझना पड़ेगा और इसमें तनाव में आने की जरूरत नहीं है। वहीं उन्होंने दरोगा को भी  समझाया कि वह जब भी घर आएं, पत्नी से बात करें। उनकी समस्या का ख्याल रखें। सप्ताह में कम से कम एक दिन बाहर घुमाने और खिलाने लेकर जाएं। वहीं प्रभारी निरीक्षक सुल्ताना के मुताबिक रविवार को सात मामलों में समझौते कराए गए।

पति-पत्नी के बीच मामूली झगड़े थे। तीन में दहेज उत्पीड़न की शिकायत थीं। दोनों परिवारों को एक साथ बैठाकर मामला खत्म कराया गया। बताया गया कि तीन मामलों में मुकदमा दर्ज करने के आदेश हुए। वहीं चार केस मेें कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण फाइल बंद कर दी गईं है।


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