दगाबाज प्रेमी ने दिया धोखा तो थाने पहुंची प्रेमिका फिर हुआ निकाह कुबूल

टीम भारत दीप |

प्रेमी की दगाबाजी से दुखी हिना ने एसएसपी  संतोष कुमार सिंह से मिलकर सारी दास्तां सुनाई।
प्रेमी की दगाबाजी से दुखी हिना ने एसएसपी संतोष कुमार सिंह से मिलकर सारी दास्तां सुनाई।

प्रेमी के बेवफाई से परेशान युवती ने पुलिस से शिकायत की तो महिला थाना पुलिस ने युवक को बुला लिया और दोनों का थाने में ही निकाह करा दिया। पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में युवक-युवती कुबूल है, कुबूल है, कुबूल है बोला तो थाने मे मौजूद सभी लोगों ने जमकर तालियां बजाई।

बुलंदशहर। दो साल पहले कानपुर की रहने वाली एक युवती का बुलंदशहर के रहने वाले एक युवक से फेसबुक से दोस्ती हो गई। पहले चैटिंग फिर फोन पर लंबी-लंबी बातें होने लगी।

कब दोनों में एक दूसरे से प्यार हो गया उन्हें पता नहीं चला। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे से मिलने-जुलने लगे। बात जब शादी की आई तो युवक निकाहल से मुकर गया। प्रेमी के बेवफाई से परेशान युवती ने पुलिस से शिकायत की।

महिला थाना पुलिस ने युवक को बुला लिया और दोनों का थाने में ही निकाह करा दिया, पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में युवक-युवती  कुबूल है, कुबूल है, कुबूल है बोला तो थाने मे मौजूद सभी लोगों ने जमकर तालियां बजाई।

दो साल पहले हुई दोस्ती

कानपुर की रहने वाली हिना और गुलावठी बुलंदशहर के शादाब का फेसबुक पर दो साल पहले संपर्क हुआ। बात बढ़ी तो दोनों ने फोन पर बात के साथ साथ मिलना—जुलना भी शुरू कर दिया।

देखते ही देखते हिना और शादाब की मुलाकात मोहब्बत में तब्दील हो गई। दोनों दिन—रात एक—दूसरे से बात करने लगे और साथ जीने—मरने की कसमें खाई गईं। इसके बाद हिना ने अपनी मोहब्बत को अंजाम तक पहुंचाने की सोची और शादाब के सामने निकाह का प्रस्ताव रखा तो प्रेमी शादात ने निकाह से इनकार कर दिया।

प्रेमी की दगाबाजी से दुखी हिना ने एसएसपी बुलंदशहर संतोष कुमार सिंह से मिलकर सारी दास्तां सुनाई। इसके बाद एसएसपी ने महिला थानाध्यक्ष को मामले का निस्तारण कराने के आदेश दिया।

सोमवार को महिला थानाध्यक्ष ने हिना और शादाब को थाने बुलवाया और दोनों को समझाकर निकाह के लिए राजी किया। दोनों के रजामंद होने के बाद थाने में मौलवी को बुलाया गया। मौलवी ने मुस्लिम शादाब और हिना का निकाह कराया। निकाह में थाने के स्टाफ ने घराती और बाराती की भूमिका निभाई।

महिला थानाध्यक्ष ​लक्ष्मी सिंह ने बताया कि हिना और शादाब को निकाह के लिए समझाया। दोनों ही निकाह की बात पर राजी हो गए। परिजनों को भी मामले की जानकारी दी गई। इसके बाद मौलवी को बुलाकर दोनों का निकार करा दिया गया। निकाह के बाद सादाब हिना को विदा कराकर अपने घर ले गया। तो हिना फूले नहीं समा रही थी। 

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