सात राज्यों में एक साथ तबाही मचाने वाला तूफान बना ताउते,हजारों घर हुए तबाह

टीम भारत दीप |

ताउते की वजह से देश के चार राज्यों में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है।
ताउते की वजह से देश के चार राज्यों में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है।

ताउते से निपटने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया। वहीं सेना ने गुजरात में अपनी 180 टीमें और 9 इंजीनियर टास्क फोर्स को तैनात किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात कर स्थिति की समीक्षा की। ठाकरे ने पीएम को नुकसान और बचाव कार्य की जानकारी दी।

गुजरात। अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ताउते 185 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से सोमवार रात 8 बजे के करीब गुजरात तट से टकराया। ताउते तूफान ने लक्षद्वीप के दक्षिण दिशा में विकसित होने से लेकर गुजरात के पास दीव तट पर टकराने तक करीब 1200 किलोमीटर का सफर तय किया।

ऐसा लगभग पहली बार हुआ है कि कोई तूफान इतनी दूरी तय करके तबाही मचा रहा है। ताउते चक्रवात ने यह दूरी 7 दिन में तय की और पश्चिमी तट के सभी 5 राज्य और 2 द्वीप समूहों में भारी तबाही मचाई।

ताउते की वजह से केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र व गुजरात के अलावा लक्षद्वीप और दीव समूह के तटीय हिस्सों में 200 से 400 मिमी तक बारिश हुई।  यहां तक कि मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हुई है। इस बारिश से खरीद केंद्रों पर रखे गेहूं काफी मात्रा में भीग गए। इसका असर यूपी में भी दिखाई दे रहा है। बादल छाने और आंधी के रूप में दिया। 

मौसम विभाग की सतर्कता से नुकसान घटा

मालूम हो कि यह ताउते सुपर साइक्लोन से महज एक लेवल नीचे का भयंकर तूफान है। इसके बाद भी नुकसान बहुत कम हुआ है। इसका मुख्य कारण मौसम विभाग की सतर्कता है, जिन्होंने ताउते तूफान की दिशा, गति और टकराने के सही स्थान की भविष्यवाणी सटीक की।

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि सैटेलाइट इनसेट 3डी के जरिए हर 15 मिनट में मिल रही तस्वीरों और पश्चिमी तट पर तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, गोवा, मुंबई और भुज में लगे 5 रडार के जरिए ताउते तूफान पर नजर रखी गई। सैटेलाइट की तस्वीरों के जरिए इसके केंद्र यानी ‘आई’ की पहचान की गई। ‘आई’ की बदलती स्थिति के जरिए ही इसके बढ़ने की दिशा और गति की गणना की गई।

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रडार की तस्वीरों से मिलान कर लगातार उसकी पुष्टि की गई। अहमदाबाद और मुंबई के साइक्लोन सेंटर और पुणे-दिल्ली में विभाग के मुख्यालय से सभी तटीय राज्यों के प्रभावित इलाकों को वार्निंग और अपडेट बुलेटिन जारी किए गए।

सुपर कंप्यूटर और ग्लोबल माडल अपनाया

ताउते पर नजर रखने के लिए सुपर कंप्यूटर और ग्लोबल मॉडल के जरिए मौसम विभाग के नोएडा और पुणे सेंटर्स नजर रखकर सटीक डेटा एकत्र किए गए। मालूम हो कि इस तकनीकि से अगले दो हफ्तों के मौसम का पूर्वानुमान पता चलता है।

6 मई को इसी पूर्वानुमान में पहली बार तूफान के शुरुआती संकेत मिले थे। इसके बाद 6 और ग्लोबल मॉडल, जिनमें 3 अमेरिकन, 1 यूरोपियन यूनियन, 1 जापान और 1 फ्रांस के मॉडल के निष्कर्षों को शामिल करके ताउते तूफान को ट्रैक किया गया। इसके बाद तूफान के दीव और गुजरात के हिस्सों से टकराने के 7 दिन पहले ही उसका रास्ता, गति की जानकारी जारी की थी।

चार राज्यों में 17 लोगों की मौत

ताउते की वजह से देश के चार राज्यों में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। कर्नाटक के अलग-अलग जिलों में तूफान से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र के जलगांव में रविवार दोपहर 3 बजे एक पेड़ के झोपड़ी पर गिरने से 17 और 12 साल की दो बहनों की मौत हो गई।

उनकी मां की हालत गंभीर है। वहीं रायगढ़ जिले में 3, ठाणे में 2 और सिंधुदुर्ग जिले में एक व्यक्ति की चक्रवाती तूफान की वजह से मौत हुई है।गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि तूफान के कारण राज्य में 2 लोगों की मौत हुई है। तमिलनाडु के कन्याकुमारी में दीवार गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई। इसमें 2 साल का एक बच्चा और दूसरा 36 साल का व्यक्ति शामिल है। 

तीनों सेनाएं अलर्ट पर 

ताउते से निपटने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया। वहीं सेना ने गुजरात में अपनी 180 टीमें और 9 इंजीनियर टास्क फोर्स को तैनात किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात कर स्थिति की समीक्षा की। ठाकरे ने पीएम को नुकसान और बचाव कार्य की जानकारी दी।

मोदी ने उद्धव के अलावा गुजरात और गोवा के मुख्यमंत्रियों और दमन एवं दीव के उपराज्यपाल से भी बात की। पीएम मोदी ने सभी को तूफान से निपटने में केंद्र की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया। गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्रियाें से बात कर तूफान से हुए नुकसान और राहत कार्य का जायजा लिया।

गुजरात में इससे पहले 1998 में हुई थी तबाही

आपकों बता दें कि इससे पहले गुजरात में 1998 में कांडला में आए तूफान ने भारी तबाही मचाई थी। मौसम विभाग के मुताबिक इस दौरान गुजरात में 190-210 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। इसे श्रेणी 3 का तूफान माना जा रहा है।

गुजरात के प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 54 टीमें तैनात की गई हैं। 1998 के तूफान में 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। सीएम विजय रूपाणी ने कहा कि हालात से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
 


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