टक्कर के बाद कंटेनर में फंसी बोलेरो 100 मीटर तक घिसटती रही, चाचा-भतीजे समेत तीन की मौत

टीम भारत दीप |

टक्कर से बोलेरो कंटेनर में फंस गई और तकरीबन सौ मीटर तक घिसटती चली गई।
टक्कर से बोलेरो कंटेनर में फंस गई और तकरीबन सौ मीटर तक घिसटती चली गई।

पुलिस ने गैस कटर से बोलेरो की चादर कटवाकर घायलों को बाहर निकाला। उन्हें तुरन्त सीएचसी ले जाया गया। जहां चाचा की मौत हो गई। जबकि भतीजे व उसके दोस्त ने ट्रोमा सेंटर में दम तोड़ा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीती देर रात एक अनियंत्रित कंटेनर ने आगे जा रही बोलेरो को जबरदस्त टक्कर मार दी। टक्कर के बाद बोलेरो कंटेनर में फंसी रही गई और 100 मीटर तक घिसटती चली गई। इसके चलते बोलेरो में फंसे चाचा-भतीजा समेत चार लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। 

सूचना पर पहुंची पुलिस ने गैस कटर से बोलेरो की चादर कटवाकर घायलों को बाहर निकाला। उन्हें तुरन्त सीएचसी ले जाया गया। जहां चाचा की मौत हो गई। जबकि भतीजे व उसके दोस्त ने ट्रामा सेंटर में दम तोड़ा। वहीं बोलेरो ड्राइवर की हालत नाजुक है।

पुलिस के मुताबिक कौशांबी के रहने वाले अनवारूल हक (40) तीन वर्ष बाद विदेश से लौटकर वापस आए थे। अनवारूल हक को रिसीव करने लिए उसका भतीजा हलीम अपने दोस्त बबलू के साथ बोलेरो से एयरपोर्ट आया था। रात तकरीबन 11 बजे ड्राइवर वसीम समेत चारों वापस हो रहे थे। 

सरोजिनी नगर के दरोगा खेड़ा में कानपुर रोड पर पीछे से आ रहे एक कंटेनर ने बोलेरो में जोरदार ठोकर मार दी। टक्कर से बोलेरो कंटेनर में फंस गई और तकरीबन सौ मीटर तक घिसटती चली गई। इस दौरान बोलेरो में सवार अनवारूल हक, हलीम, बबलू और चालक वसीम गंभीर रूप से घायल हो गए। 

मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। बोलेरो में चारों को फंसा देख पुलिस ने कटर मशीन मंगाई और लोहे की चादर काटकर घायलों को बाहर निकाला। पुलिस ने सभी घायलों को सरोजिनी नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती करवाया। 

डॉक्टरों ने अनवारूल हक को मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा घायल हलीम, बबलू और चालक वसीम को ट्रामा सेंटर भेज दिया। पुलिस ने बताया कि ट्रामा सेंटर में हलीम व बबलू की मौत हो गई जबकि चालक वसीम की हालत गंभीर बनी हुई है। 

अनवारूल काफी दिनों बाद अपने घर लौट रहा था। इसलिए सभी उसके आने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन हादसे से सभी खुशियां गम में तब्दील हो गई। 

अनवारुल की पत्नी शमा परवीन और उसके दोनों बेटे खुशी में फूले नहीं समा रहे थे। लेकिन गांव में मातम छा गया। बताया जाता है कि बबलू के परिवार में पत्नी शबनम और दो बच्चे, जबकि हलीम के परिवार में पत्नी किताबुन निशा और तीन बच्चे हैं।


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