कानपुर के हैलट में बनेगा यूपी का पहला ब्लैक फंगस सेंटर, इलाज के साथ होगा रिसर्च

टीम भारत दीप |

विशेषज्ञों का कहना है कि यहां सेंटर बन जाने से इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधन बढ़ेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि यहां सेंटर बन जाने से इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधन बढ़ेंगे।

प्रदेश के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के नए मरीज तेजी से पहुंच रहे है। मल्टी स्पेशिएलटी का रोग होने की वजह से हर अस्पताल में इलाज की सुविधा नहीं हो पा रही है। इस वजह से हैलट में ब्लैक फंगस सेंटर बनाने के आदेश किए गए हैं।नगर में ब्लैक फंगस के रोगी लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

कानपुर। कोरोना वायरस के बाद ब्लैक फंगस एक नई महामारी के रूप में सामने आई है। प्रदेश के हर जिले में ब्लैक फंगस के बहुत सारे मरीज मिल रहे है। इस नई महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह से तैयारी कर रही है।

इस क्रम में  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हैलट में प्रदेश का पहला ब्लैक फंगस सेंटर बनाने का आदेश कर दिया है। ब्लैक फंगस के कोविड रोगी और नॉन कोविड रोगी दोनों के लिए अलग-अलग वार्ड रहेगा। इसके साथ ही सेंटर में विशेषज्ञों के साथ दवाएं भी उपलब्ध रहेंगी।

जारी आदेश के अनुसार इस सेंटर में विशेषज्ञ इलाज के साथ शोध भी करेंगे, जिससे रोगियों को ठीक किया जा सके। केडीए सभागार में समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि बैठक में ब्लैक फंगस के मामले में अधिकारियों से फीड बैक लिया गया। प्रदेश में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया है।

अस्पतालों में बढ़ रही संख्या

प्रदेश के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के नए मरीज तेजी से पहुंच रहे है। मल्टी स्पेशिएलटी का रोग होने की वजह से हर अस्पताल में इलाज की सुविधा नहीं हो पा रही है। इस वजह से हैलट में ब्लैक फंगस सेंटर बनाने के आदेश किए गए हैं।

नगर में ब्लैक फंगस के रोगी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। खासतौर पर वे रोगी जिनके कोरोना संक्रमण के इलाज में स्टेरॉयड चली है और उनका ब्लड शुगर लेवल हाई है उनमें ब्लैक फंगस की दिक्कत बढ़ रही है।

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हैलट में इसके लिए अलग से वार्ड बनाना पड़ा है। इसके साथ ही जीएसवीएम मेडिकल कालेज प्रबंधन ने विशेषज्ञों की टीम गठित कर दी है। मालूम हो कि हैलट में दूसरे जिलों के भी ब्लैक फंगस के रोगी आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यहां सेंटर बन जाने से इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधन बढ़ेंगे। इससे रोगियों को बेहतर इलाज मिलेगा। 

जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने बताया कि ब्लैक फंगस के रोगी आ रहे हैं। रोगियों के सैंपल पैथोलॉजी विभाग में बायोप्सी जांच के लिए भेजे जाते हैं। एक रोगी, जिसकी अभी आंख की सर्जरी हुई है, उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि यह रोगी नॉन कोविड है। हैलट में कोविड और नॉन कोविड दोनों रोगी भर्ती हैं।

निजी अस्पतालों में दवा की किल्लत

शासन ने ब्लैक फंगस की दवा के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है, लेकिन दवा खुले बाजार में नहीं मिल रही है। गाइडलाइन में मंडलायुक्त और अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के यहां पहले आवेदन की व्यवस्था की गई है।

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इसके बाद सीएमओ के यहां से दवा निजी अस्पताल के रोगियों को उपलब्ध हो जाएगी। हैलट में भर्ती रोगियों के लिए 160 इंजेक्शन की व्यवस्था हो गई है।


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