पशुपालन विभाग के एक कदम से किसानों को पराली से मिलेगी मुक्ति, पशुओं को चारा

टीम भारत दीप |
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झांसी के जिला प्रशासन ने एक सराहनीय कदम उठाया है।
झांसी के जिला प्रशासन ने एक सराहनीय कदम उठाया है।

प्रदेश ही नही देश के किसानों के सामने इस समय पराली का निपटारा करना एक विकट समस्या होती है।क्योंकि किसानों को अगली फसल के लिए तैयारी करनी होती है। ऐसे में सबसे उनके सामने सबसे सस्ता और सरल उपाय पराली को जलाना होता है।

झांसी।प्रदेश ही नही देश के किसानों के सामने इस समय पराली का निपटारा करना एक विकट समस्या होती है।क्योंकि किसानों को अगली फसल के लिए तैयारी करनी होती है।

ऐसे में सबसे उनके सामने सबसे सस्ता और सरल उपाय पराली को जलाना होता है।लेकिन पराली जलाने से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। इस पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी काफी सख्त है। पराली जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो रही है।

ऐसे में झांसी के जिला प्रशासन ने एक सराहनीय कदम उठाया है।यहां खेतों में निकलने वाली पराली की सूचना किसानों को पशुपालन विभाग को देनी होगी। पशुपालन विभाग खुद अपने संसाधन से उस पराली को उठाकर गोशालाओं तक पहुंचाएगा।

इससे पशुओं को चारा भी उपलब्ध हो जाएगा और किसानों को पराली से मुक्ति मिल जाएगी।  धान की फसल के कटाई खत्म होने के साथ ही खेतों से पराली निकलना शुरू हो गई है।

पिछले दफा पूरे प्रदेश में पराली जलाने वाले दस बड़े शहरों में झांसी भी शामिल था। इस मामले को लेकर सरकार को सुप्रीम कोर्ट में फटकार भी खानी पड़ी थी।किसानों को जागरूक करने के अलावा पशुपालन विभाग ने नई व्यवस्था शुरू की है।

मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ.वाई के तोमर ने बताया कि किसानों को पराली हटाने के लिए अतिरिक्त इंतजाम नहीं करने होंगे बल्कि इसकी सूचना ग्राम प्रधान अथवा विभाग को देनी होगी।

इसके बाद पशुपालन विभाग पराली को सीधे खेतों से उठाकर गोशालाओं तक पहुंचाएगा। उनके मुताबिक इसके लिए उनको कोई शुल्क भी नहीं देना होगा।पराली जलाने की रोकथाम को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सख्त तेवरों को देखते हुए प्रशासन कोताही बरतने के मूड में नहीं है। 

उपसंभीय कृषि प्रसार अधिकारी संजीव सिंह को प्रभारी बनाया गया है। उनको मोबाइल नंबर 9458065687 पर सूचना दी सकती है। डीएम के मुताबिक दोषी पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ अर्थदंड समेत एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।

मालूम हो कि बुंदेलखंड में अन्ना मवेशी एक बड़ी समस्या है। आवारा मवेशियों को रखने के लिए प्रदेश सरकार जगह—जगह गौशालाएं खोल रही है। ऐसे में इन मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करना एक कठीन काम होता है। ऐसे में प्रशासन द्वारा पराली एकत्र करने से पशुओं के लिए मुफ्त में भोजन की व्यवस्था हो जाएगी, किसानों को पराली से मु​क्ति मिल जाएगी।


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