आगरा देश का 14वां सबसे प्रदूषित शहर, धुंध में छिपी ताजमहल की खूबसूरती

टीम भारत दीप |

दोपहर में धूप निकलने के बाद ताजमहल 300 मीटर दूरी से दिख सका।
दोपहर में धूप निकलने के बाद ताजमहल 300 मीटर दूरी से दिख सका।

ताजनगरी में सुबह से रात तक भारी प्रदूषण और स्मॉग की चादर शहर पर छाई रही, जिससे सांस लेने में अस्थमा रोगियों को तो परेशानी आई ही, सामान्य लोगों को भी गले में खराश, खांसी और आंखों में जलन महसूस होती रही। दिनभर यही हालात बने रहे। 

आगरा।देश में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार के सारे प्रयास विफल होते जा रहे है। हर साल की तरह इस साल भी दीपावली के बाद देश की राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों की हवा बेहद खराब हो चुकी है।

इसी परिपेक्ष्य में बात करें यूपी के शहरों की तो यहां कई शहरों में प्रदूषण की वजह से धुंध छाई रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई लिस्ट में आगरा देश का 14वां प्रदूषित शहर रहा। आगरा के साथ ही आसपास के पड़ोसी जिलों के लोग भी प्रदूषण से बेहाल हैं। फिरोजाबाद देश का 9वां और मथुरा का वृंदावन देश का 10वां प्रदूषित शहर रहा। 

ताजनगरी में सुबह से रात तक भारी प्रदूषण और स्मॉग की चादर शहर पर छाई रही, जिससे सांस लेने में अस्थमा रोगियों को तो परेशानी आई ही, सामान्य लोगों को भी गले में खराश, खांसी और आंखों में जलन महसूस होती रही। दिनभर यही हालात बने रहे। 

दृश्यता हुई बहुत कम

शनिवार को भारी प्रदूषण और धुंध के मेल से बने स्मॉग के कारण दृश्यता बेहद कम रही। सुबह ताजमहल पर रेड सैंड स्टोन प्लेटफार्म से ताजमहल पर्यटकों को नजर नहीं आ पाया। दोपहर में धूप निकलने के बाद ताजमहल 300 मीटर दूरी से दिख सका।

सैलानियों को धुंध, स्मॉग की चादर छाने से सेंट्रल टैंक के आगे पहुंचने के बाद ही ताजमहल नजर आया। शाम को चार बजे के बाद फिर से यही हाल हो गया।

रेड जोन में रहा आगरा

शनिवार को  आगरा रेड जोन में बना रहा। प्रदूषण के हालात शहर में इस कदर खतरनाक हैं कि बेहद सूक्ष्म कणों की मात्रा सामान्य से 8 गुना से ज्यादा हैं तो कार्बन मोनोक्साइड की मात्रा भी 29 गुना तक ज्यादा चल रही है।

पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक हवा चलने पर या तापमान बढ़ने पर ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में कुछ राहत मिल सकती है। ट्रैफिक जाम से मुक्ति, सड़कों की धूल कम करने के लिए पानी का छिड़काव आदि कदमों को तुरंत उठाने की जरूरत है। 

निर्माण कार्यों से बढ़ा प्रदूषण

शहर में जिन जगहों पर खोदाई और निर्माण गतिविधियां चल रही हैं, उन जगहों पर प्रदूषण रिकार्ड तोड़ स्थिति में है। आवास विकास कालोनी में सीवर, पानी की खोदाई के बाद सड़कों का निर्माण न होने के कारण धूल के गुबार उड़ रहे हैं।

फतेहाबाद रोड और शाहजहां पार्क पर मेट्रो प्रोजेक्ट की निर्माण चल रहा है, इससे आवास विकास कालोनी और शाहजहां पार्क पर प्रदूषण 500 के उच्चतम स्तर को पार कर गया। पार्टिकुलेट मैटर 2.5 और पीएम 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की मात्रा 500 के पार हो गई। दिन भर इनका औसत 429 पर रहा, जबकि एयर क्वालिटी इंडेक्स 390 पर रहा।

डीईआई के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रो. रंजीत कुमार ने बताया कि धूल, कचरा जलाने, ट्रैफिक जाम और पटाखों का एक साथ चलाने के कारण वातावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ी है। मौसम संबंधी कारकों के कारण प्रदूषण स्तर एकाएक बढ़ा है। हवा चलने, तापमान में बढ़ोतरी के साथ स्तर में कमी आने लगेगी। सूक्ष्म कण पेड़, पौधे, सड़क आदि पर जमा हैं। इसका असर 7 दिनों तक रह सकता है।

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