घर से लापता पिता को खोजने बेटों ने पांच राज्यों की बसों पर चिपकाया पोस्टर

टीम भारत दीप |

दोनों बेटे आसपास के शहरों में उनकी तलाश में जाते रहे।
दोनों बेटे आसपास के शहरों में उनकी तलाश में जाते रहे।

परिजन ने बताया कि पिता के कई हजार पंफलेट छपवाए। इन पंफलेट को उन्होंने रेलवे स्टेशन, जैसे राजामंडी, कैंट, फोर्ट और ईदगाह स्थानों पर नियमित रूप से जाना शुरू किया

आगरा। घर से लातपा पिता को खोजने बेटों ने हर संभव प्रयास किया जब पिता का कोई पता नहीं चला तो सोशल मीडिया के अलावा परंरागत माध्यम का सहारा लिया।

कुछ ही दिनों में पांच राज्यों की बसों पर पिता को खोजने पंपलेट चिपका दिया। बेटों को उम्मीद है कि उनके इस कदम से एक दिन जरूर कोई उनके पिता का पता बता देगा। मालूम हो कि घर से एक महीने पहले लापता हुए बुजुर्ग व्याापारी पिता को बेटें शहर दर शहर भटक रहे है।

मामला न्यू आगरा थाना क्षेत्र के गांव खासपुरा की नीलकंठ बसेरा रेजीडेंसी का है। यहां रहने वाले राकेश कुमार गुप्ता (65 वर्ष) परचूनी की दुकान करते हैं। बेटे अनुज ने बताया कि पिता 12 नवंबर को रोज की तरह शाम को उकने पिता मंदिर पर दीपक जलाने गए थे।

काफी देर तक नहीं लौटे तो परिजनों को लगा कि वो किसी दोस्त के पास चले गए होंगे। देर रात तक वह नहीं लौटे तो  किसी अनहोनी की आशंका से सभी लोग परेशान हो गए।

बेटों ने थाने जाकर राकेश कुमार गुप्ता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। दोनों बेटे आसपास के शहरों में उनकी तलाश में जाते रहे। इस बीच बच्चों ने पिता को खोजने के लिए पारंपरिक लेकिन कारगर तरीका अपनाने का फैसला किया।

परिजन  ने बताया कि पिता के कई हजार पंफलेट छपवाए। इन पंफलेट को उन्होंने रेलवे स्टेशन, जैसे राजामंडी, कैंट, फोर्ट और ईदगाह स्थानों पर नियमित रूप से जाना शुरू किया।

पिता की गुमशुदगी के पंफलेट बस स्टेशनों के अलावा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल आइएसबीटी, ईदगाह बस स्टैंड, बिजलीघर और फोर्ट बस स्टैंड पर जाकर बसों में चस्पा करने शुरू किए। अब तक वह उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों की बसों में पंफलेट लगा चुके हैं, जिससे कि पिता का सुराग लगाया जा सके।


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