यूपी विभाजन के कयासों पर लगा विराम, सीएम योगी ने कही ये अहम बातें

टीम भारत दीप |

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने साल 2012 में यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव पास किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने साल 2012 में यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव पास किया था।

सीएम योगी ने अपनी राय जाहिर करते हुए इस पर विराम लगा दिया है। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अपनी राय जाहिर करते हुए साफ कर दिया कि यूपी के अलग-अलग हिस्से नहीं होंगे। उन्होंने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा कि हम एकजुटता में भरोसा रखते हैं, विभाजन में नहीं।

लखनऊ। आखिरकार उत्तर प्रदेश के विभाजन को लेकर लगते रहे कयासों के बीच सीएम योगी ने अपनी राय जाहिर करते हुए इस पर विराम लगा दिया है। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अपनी राय जाहिर करते हुए साफ कर दिया कि यूपी के अलग-अलग हिस्से नहीं होंगे।

उन्होंने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा कि हम एकजुटता में भरोसा रखते हैं, विभाजन में नहीं। गौरतलब है कि बीते काफी समय से यूपी को अलग-अलग राज्यों में विभाजित करने की मांग उठती रही है। बता दें कि साल 2000 में यूपी का बंटवारा कर उत्तराखंड राज्य बनाया गया था।

इसके बाद भी यूपी के कुछ और हिस्से करने की मांग बलवती होती रही। बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने साल 2012 में यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव पास किया था। मायावती सरकार ने यह प्रस्ताव पारित कर दिया था कि उत्तर प्रदेश का चार राज्यों- अवध प्रदेश, बुंदेलखण्ड, पूर्वांचल और पश्चिम प्रदेश में बंटवारा होना चाहिए।

इस पर तब केंद्र की यूपीए सरकार में गृह सचिव रहे आरके सिंह ने स्पष्टीकरण मांगते हुए इस प्रस्ताव को वापस भेज दिया था। वहीं रालोद अध्यक्ष अजित सिंह भी यूपी के अलग हिस्से करने की मांग करते रहे हैं।

अब मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ताजा बयान ने इस तरह के कयासों पर विराम लगा दिया है।
 


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