कोरोना का कहर:पत्रकार की मौत, अपनो ने किया किनारा, पुलिस वालों ने दिया कंधा, कराया अंतिम संस्कार

टीम भारत दीप |

पुलिस की इस मानवीय पहल से खाकी की साख बढ़ी है।
पुलिस की इस मानवीय पहल से खाकी की साख बढ़ी है।

जानकारी के मुताबिक ऐसा ही एक मामला लखनऊ से सामने आया है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक एक वरिष्ठ पत्रकार का कोरोना के चलते निधन हो गया। उनका शव घर पर पड़ा रहा। बताया गया कि कोई परिजन उनकी सुध लेने समय पर नहीं पहुंचा तो अंत में यह जिम्मेदारी लख़नऊ पुलिस को निभानी पड़ी।

लखनऊ। यूपी में कोरोना को लेकर भय कितना गहरा हो चुका है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि मौत के बाद अपने ही किनारा कर रहे है। इसका ताजा उदाहरण राजधानी लखनऊ में एक पत्रकार की मौत के बाद सामने आया है। दरअसल यूपी की राजधानी लखनऊ कोरोना संक्रमण के मामले में मानो वुहान जैसा बनता नजर आ रहा है।

यहां स्थितियां इस कदर भयावह हो गई है कि मरने के बाद अब परिजन भी शव लेने से किनारा कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक ऐसा ही एक मामला लखनऊ से सामने आया है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक एक वरिष्ठ पत्रकार का कोरोना के चलते निधन हो गया। उनका शव घर पर पड़ा रहा।

बताया गया कि कोई परिजन उनकी सुध लेने समय पर नहीं पहुंचा तो अंत में यह जिम्मेदारी लख़नऊ पुलिस को निभानी पड़ी। बताया गया कि गोमतीनगर थाने में तैनात चार उपनिरीक्षक ने कंधा दिया। यहां तक कि अपनों ने ही उन्हें लावारिस घर पर छोड़ दिया।

बताया गया कि ऐसे में गोमती नगर पुलिस ने ना सिर्फ इंसानियत की मिसाल पेश की बल्कि शव के वारिस भी बने और अर्थी को कंधा देकर उन्हें भैसाकुण्ड श्मशान घाट पहुंचाया। बताया गया कि गोमती नगर निवासी चंदन प्रताप सिंह पुत्र एनपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार थे। वो घर पर परिवार के साथ रहते थे।

बताया गया कि अभी कुछ दिन पूर्व उन्हें कोरोना हो गया था। इसके चलते वो घर पर ही क्वारैंटाइन हो गए थे। वहीं गोमती नगर पुलिस के मुताबिक आज उन्हें सूचना मिली कि एक घर से अजीब से महक आ रही है। बताया गया कि मौके पर पहुंची पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि ये घर पत्रकार का है। बताया गया कि उन्हें कोरोना हो गया था।

पुलिस घर के अंदर पहुंची तो वहां चंदन प्रताप का शव पड़ा मिला। वहीं पड़ोसियों के मुताबिक जब से चंदन घर पर अकेले थे। उनके परिवार से कोई मिलने नहीं आया। बताया गया कि पुलिस ने उनके परिजनों को जानकारी दी। बावजूद इसके कोई नहीं पहुंचा। बताया गया​ कि मृतक पत्रकार की पत्नी उनसे अलग रह रही थी।

 इसके बाद गोमती नगर थाने में तैनात दरोगा दयाराम साहनी, अरुण यादव, प्रशांत सिंह और राजेंद्र बाबू ने मृतक पत्रकार के परिजनों की भूमिका निभाते हुए उनकी अर्थी को कांधा दिया। बताया गया कि इन्होंने ही शव को बैकुंठ धाम पहुंचाया। यहां पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।

वहीं पुलिस की इस मानवीय पहल से खाकी की साख बढ़ी है। लोग पुलिस की तारीफ भी कर रहे हैं। 
 


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