सर्द रातों में आवारा पशुओं से फसल बचाने को किसान लड़ रहे ‘जंग’

टीम भारतदीप |

आए दिन आवारा जानवर किसानों की फसलों को पहुंचा रहे नुकसान
आए दिन आवारा जानवर किसानों की फसलों को पहुंचा रहे नुकसान

आए दिन आवारा जानवर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। फसलों को बचाने के लिए किसानों ने हजारों रुपए खेतों की बैरीकेडिंग पर खर्च किया है। इन सब के बावजूद फसल को बचाने के लिए किसान रात को खेतों की रखवाली करने को मजबूर है।

आगरा। उत्तर प्रदेश के ताज नगरी आगरा में फसलों को लेकर आवारा जानवरों से किसान काफी परेशान हैं। आए दिन आवारा जानवर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। फसलों को बचाने के लिए किसानों ने हजारों रुपए खेतों की बैरीकेडिंग पर खर्च किया है।

इन सब के बावजूद फसल को बचाने के लिए किसान रात को खेतों की रखवाली करने को मजबूर है। दरअसल ताज नगरी आगरा में सर्द रातों में जहां सभी लोग अपने अपने घरों में सर्दी से बचने के लिए तमाम इंतजाम करते हैं।

वहीं किसान अपनी फसल को बचाने के लिए अलाव का सहारा लेकर रात भर खेतों पर रहने को मजबूर है। वह यहां अपनी फसलों की रखवाली कर रहा है। पिथौरा के किसान योगी सिंह के मुताबिक उन्होंने अपने खेतों में आलू की फसल पैदा की है।

आलू की फसल को आवारा जानवरों से बचाने के लिए वह व उनके परिवार का कोई न कोई एक सदस्य हर समय खेतों पर रहने को मजबूर है। किसान गौरव पाल झंडी पुरा वालों के मुताबिक आवारा जानवर गेहूं, सरसों एवं आलू की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

अपने खेतों की रखवाली के लिए वह रात भर खेतों पर रहते हैं। किसान योगी ने बताया है कि किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए हजारों रुपए बैरिकेडिंग पर भी खर्च करने पड़ रहे हैं। किसान गौरव पाल के मुताबिक बैरिकेडिंग के साथ-साथ किसानों को खेतों पर भी रहना पड़ता है।

हजारों रुपए बैरिकेडिंग में खर्च करने के बावजूद भी आवारा जानवरों से हम अपनी फसल को नहीं बचा पा रहे हैं। फसलों को आवारा जानवरों से बचाने के लिए किसानों ने योगी सरकार से गुहार भी लगाई है। किसानों के मुताबिक एक तरफ तो सरकार गाय बचाने की बात करती है।

उसके बावजूद जहां गाय सर्द रातों में सर्दी से दम तोड़ रही हैं। वहीं आवारा जानवर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनके मुताबिक योगी सरकार को आवारा गायों के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया था गांव-गांव गौशाला का, उसको अंतिम रूप दे दे देना चाहिए। जिससे कि गायों को एक आसरा मिले और किसानों की फसल बच सके। 


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