अरे गजब! पूर्व सांसद के लेटरपैड से दे दी नौकरी, सांसद को पता ही नहीं

टीम भारत दीप |
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पूर्व सांसद ने भी इसे पूरी तरह फर्जी बताया है।
पूर्व सांसद ने भी इसे पूरी तरह फर्जी बताया है।

घोसी के पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर के लेटरपैड पर पूर्वांचल के कई लोगों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया है। रामनगर के जनकपुर निवासी डॉ.अवधेश दीक्षित ने प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में सबूतों के साथ शिकायत दर्ज कराई है।

वाराणसी। देश में एक से बढ़कर एक लोग है जो कुछ भी कर गुजरने के लिए कानून को ताख पर रखकर चलते है। ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला वाराणसी से सामने आया है। यहां के पूर्व सांसद के लेटरपैड के माध्यम से फर्जी तरीके से लोगों की नियुक्ति पत्र ​जारी किया जा रहा है।

हैरानी की बात है कि इस बारे में पूर्व सांसद को कुछ पता ही नहीं है।सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्मम निर्यात संवर्धन परिषद में डायरेक्टर की नियुक्ति पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। घोसी के पूर्व सांसद के लेटरपैड पर कई लोगों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया है। रामनगर के जनकपुर निवासी डॉ.अवधेश दीक्षित ने प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में सबूतों के साथ शिकायत दर्ज कराई है।

पूर्व सांसद ने भी इसे पूरी तरह फर्जी बताया है।मामला यह है कि,एमसएएमई ईपीसी, भारत सरकार नाम से पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर के लेटरपैड पर अलग-अलग राज्यों में डायरेक्टर की नियुक्त की जा रही है। लेटरपैड पर पूर्व सांसद के साथ ही उत्तर भारत, सूक्ष्म लधु एवं मध्यम उद्यम निर्यात संवर्धन परिषद का अध्यक्ष लिखा हुआ है। 

इसी फर्जीवाड़े के तहत तीन सितम्बर 2020 को एक पत्र के माध्यम से न्यू कालोनी ककरमत्ता, के राकेश त्रिपाठी पुत्र गोपाल त्रिपाठी को डायरेक्टर एमएसएसई एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, उत्तर प्रदेेश घोषित किया गया है। ऐसे ही 19 जून 2020 को भी एक नियुक्ति पत्र प्रकाश में आया, जिसमें यशवीर सिंंह वर्मा पुत्र मोहन सिंह वर्मा बेल्थरा रोड बलिया उत्तर प्रदेश को जारी कर उन्हें एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल उत्तर प्रदेश का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है।

30 सितम्बर 2020 को करनाल हरियाणा के बलविंदर सिंह पुत्र शमशेर सिंह को भी डायरेक्टर बनाया गया है। जबकि एमएसएमई की एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल नाम से कोई भी विंग अथवा डिवीजन नहीं है। इस विषय में हरिनारायण राजभर पूर्व सांसद का कहना है कि मेरे लेटरपैड पर फर्जी तरीके से नियुक्ति पत्र जारी करने का मामला संज्ञान में आया है। इससे मेरा लेना देना नहीं है। मेरे लेटरपैड और हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया जा रहा है। सबूत मिलेगा तो विधिक कार्रवाई करूंगा। 


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