मैं बेकसूर था, मुझे झूठे मामले में फंसाया, मैं किसी से नजर नहीं मिला पा रहा था, इसलिए मर रहा हूं

टीम भारत दीप |

मैं बेकसूर था, मुझे देह व्‍यापार के रैकेट में 2017 बैच आइपीएस प्राची सिंह ने फंसाया है।
मैं बेकसूर था, मुझे देह व्‍यापार के रैकेट में 2017 बैच आइपीएस प्राची सिंह ने फंसाया है।

यह दिल दहला देने वाली घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी की है। युवकी की आत्महत्या की खबर से घर वालों का बुरा हाल है। युवक के परिवार वाले महिला आईपीएस अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे है।

लखनऊ। आईपीएस अधिकारी द्वारा फर्जी तरीके से देह व्यापार में फंसाए जाने के गम में युवक ने अपना दर्द एक कागज पर लिखकर  ट्रेन से कटकर आत्‍महत्‍या कर ली।

ट्रेन की पटरी पर युवक का शव दो टुकड़ों में बरामद हुआ। यह दिल दहला देने वाली घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी की है। युवकी की आत्महत्या की खबर से घर वालों का बुरा हाल है। युवक के परिवार वाले महिला आईपीएस अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे है।

सचिवालय में संविदा पर था युवक

आत्महत्या करने वाला युवक सचिवालय में संविदा कर्मचारी ।था मरने से पहले विशाल ने ने सुसाइड नोट में लेडी आईपीएस अफसर पर पर गंभीर आरोप लगाए है। मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा. मैं बेकसूर था, मुझे देह व्‍यापार के रैकेट में 2017 बैच आइपीएस प्राची सिंह ने फंसाया है।

 इनको कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए। जिससे ये निर्दोष लोगों को जेल न भेजें।  अपने पद का गलत इस्‍तेमाल न करें। अपने प्रोमोशन के चक्‍कर में कई निर्दोषों को सजा ने दें।

मेरी मौत की जिम्‍मेदार लेडी आइपीएस

यह हादसा  लखनऊ के हसनगंज थाना क्षेत्र की रैदास मंदिर क्रासिंग पर हुआ। युवके ने सुसाइड नोट में आगे लिखा था, कि मैं अपने होशो हवास में आत्‍महत्‍या कर रहा हूं।

जिसकी ज‍िम्‍मेदार प्राची स‍िंह आइपीएस है। जिन्‍होंने मेरा कर‍ियर खराब कर द‍िया है। जिसकी वजह से समाज में मैं नजरें उठाकर नहीं चल पा रहा हूं,मुझे घुटन सी हो रही है। मेरे परिवार से मैं नजरे नहीं म‍िला पा रहा हूं।

पुलिस ने 20 दिन रखा था जेल में 

सचिवालय में कंप्‍यूटर ऑपरेटर था मृत‍क चांदगंज छपरतला न‍िवासी विशाल 26 पुत्र अर्जुन सचिवालय में आईएएस रोशन जैकब के यहां कंप्‍यूटर ऑपरेटर था। वो वहां तीन साल से काम कर रहा था।

विशाल के पिता अर्जुन ने भी बताया कि गत 13 फरवरी को विशाल इंदिरानगर गया था। वहां वो एक ठेले पर चाऊमीन खा रहा था, तभी पुलिस वहां सड़क किनारे मसाज पार्लर पर छापेमारी की। उनका आरोप था कि पुलिस विशाल को भी पकड़कर ले गई। उसे 20 दिन तक जेल में रखा गया, 21 फरवरी को वो जेल से बाहर आया। तब से वो काफी डिप्रेशन में था।  

 युवक की मौत से घर वाले बेहाल

 युवक  की आत्महत्या करने से उसके घर वाले रो-रोकर बेहाल हो गए है। घर वालों का कहना है कि युवक की कमाई से घर का खर्च चलता था। आईपीएस अधिकारी द्वारा बिना गहराई से जांच किए उसे 20 दिन तक जेल में रखा, जबकि वह बेकसूर था।

इस वजह से पूरे परिवार की बदनामी हुई है। ऐसे पुलिस अधिकारी को सेवा में रहने का कोई अधिकार नहीं ऐसे लोगों पर जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक  हमें चयन नहीं मिलेगा, वहीं मृतक की मां की आंखों से आंसुओं  का  सैलाब  रूकने का नाम नहीं ले रहा है।


संबंधित खबरें