एक साथ दो शिवलिंग वाला भगवान शंकर का यह धाम, सावन के तीसरे सोमवार को खास महत्व

टीम भारत दीप |

कैलाश मंदिर
कैलाश मंदिर

भगवान शंकर यह अनोखा तीर्थ है आगरा शहर से करीब आठ किलोमीटर दूर कैलाश ग्राम में। मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयं भगवान शिव ने परशुराम जी और उनके पिता महर्षि जमदग्नि को प्रदान किए थे।

धर्म डेस्क। आमतौर पर आपने भगवान शिव के मंदिर में एक ही शिवलिंग के साथ पूरे शिव परिवार के दर्शन किए होंगे। यूपी के आगरा में यमुना किनारे एक ऐतिहासिक धाम है, तो एक साथ दो शिवलिंग के लिए विख्यात है। और तो और यह शिवलिंग स्वयं भगवान विष्णु के अवतार महर्षि परशुराम और उनके पिता महर्षि जमदग्नि द्वारा स्थापित हैं।

भगवान शंकर यह अनोखा तीर्थ है आगरा शहर से करीब आठ किलोमीटर दूर कैलाश ग्राम में। मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयं भगवान शिव ने परशुराम जी और उनके पिता महर्षि जमदग्नि को प्रदान किए थे। 

वे कैलाश से शिवलिंग लेकर चले और अग्रवन होते हुए रेणुका धाम की ओर जा रहे थे। मार्ग में यमुना के समीप विश्राम के दौरान ये दोनों शिवलिंग स्वयं ही भूमि में स्थिर हो गए। इसके बाद पिता-पुत्र ने यमुना जी के जल से अभिषेक कर इस स्थान को पवित्र मंदिर का रूप दिया। 

कैलाशपति की विशेष कृपा के कारण इस मंदिर को कैलाश मंदिर के नाम से जाना जाता है। आगरा में सावन के तीसरे सोमवार को यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार कोरोना महामारी के कारण मेला आयोजन प्रतीकात्मक रूप में किया जाएगा। 

यमुना के समीप मनोरम वातावरण में रमे इस तीर्थ के दर्शन कर श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करते हैं। सावन के पहले सोमवार से ही यहां कांवड चढ़ाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार कांवड यात्रा पर भी रोक है। 

आगरा की गंगाजल परियोजना ने इस मंदिर की महत्ता और भी बढ़ा दी है। अब गंगा जी की पवित्र जलधारा भी यमुना के जल में मिलकर भगवान शिव के अभिषेक को और भी मनोरम बना रही है। साव न में इस मंदिर के दर्शन के साथ आप यहां नौका विहार का भी आनंद ले सकते हैं। 


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