राष्ट्रपति के यूपी आगमन से कानपुर देहात को मिली मेडिकल कॉलेज की सौगात

टीम भारत दीप |

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे सहपाठी जसवंत सिंह, चंद्रभान सिंह, दशरथ सिंह बहुत याद आते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे सहपाठी जसवंत सिंह, चंद्रभान सिंह, दशरथ सिंह बहुत याद आते हैं।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे आने से जितनी आपको खुशी है, उससे ज्यादा खुशी मुझे है। इसीलिए हेलीकॉप्टर से उतरकर अपनी धरती को चरण स्पर्श किया। कहा कि इस बार आने में जितना देर हुई, कोशिश होगी कि अगली बार इतना विलम्ब न हो। 

कानपुर। अपने तीन दिवसीय दौरे पर कानपुर आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार सुबह एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे। परौंख गांव के लोग म​हामहिम से मिलने को आतुर है। उने स्वागत में पलक पावड़े बिछाए बैठे है। 

परौंख गांव पहुंचते ही राष्ट्रपति ने सबसे पहले अपनी कुल देवी पथरी देवी मंदिर पहुंचकर दर्शन किया। उनके साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और उनकी बेटी भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उनके साथ मंदिर पहुंचीं। राष्ट्रपति ने पथरी देवी मंदिर में माथा टेका और परिक्रमा की।

करीब 15 मिनट तक विधि-विधान से पुजारी कृष्ण कुमार बाजपेई ने पूजा संपन्न कराई। राष्ट्रपति इस मौके पर फल-मिष्ठान अपने साथ ही लाए थे। राष्ट्रपति ने देवी के चरणों में 11 हजार रुपये अर्पित किए। पुजारी को 11 सौ रुपये भेंट दी। राष्ट्रपति ने इस मौके पर अपनी बेटी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पथरी देवी मंदिर के महत्व और अपने पिता द्वारा की गई देखरेख के बारे में भी बताया।

मुख्यमंत्री योगी ने इसकी घोषणा की

कानपुर देहात में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली। मुख्यमंत्री योगी ने इसकी घोषणा की। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि यूपी में आज से बच्चों के लिए मेडिसिन किट का वितरण होगा।

कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। परौंख में जनसभा स्थल मंच से राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे आने से जितनी आपको खुशी है, उससे ज्यादा खुशी मुझे है। इसीलिए हेलीकॉप्टर से उतरकर अपनी धरती को चरण स्पर्श किया। कहा कि इस बार आने में जितना देर हुई, कोशिश होगी कि अगली बार इतना विलम्ब न हो। 

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं आपके जैसा नागरिक हूं, बस संविधान में उसे प्रथम नागरिक का दर्जा है। सपने में नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति बनकर सेवा करूंगा। हम सब बराबर की पृष्ठभूमि से हैं। 

प्रधानमंत्री तो यूपी ने बहुत दिए लेकिन राष्ट्रपति यूपी से पहला है। अब यूपी वालों के लिए भी राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुल गया है। गांव में पक्के मकान बन गए, रोहनिया बाजार देखकर अच्छा लगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे सहपाठी जसवंत सिंह, चंद्रभान सिंह, दशरथ सिंह बहुत याद आते हैं।

परौंख में मंच पर मिलेंगे करीब 30 लोग

रविवार को आयोजित कार्यक्रम में मंच पर करीब 30 लोगों को मिलने की इजाजत दी गई है। हालांकि कोई भी उन्हें उपहार नहीं दे सकेगा। राष्ट्रपति के बालसखा राजकिशोर भी अपने मित्र से मिलने को बेताब हैं।

पुखरायां में राष्ट्रपति से मिलने के लिए कुल 67 लोगों को अनुमति दी गई है। इन्हें पास भी जारी कर दिया गया है। पंडाल से सौ मीटर दूर बनाए गए हेलीपैड पर राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर रविवार दोपहर एक बजे उतरेगा। वह अतिथि कक्ष में कुछ देर रुकेंगे, वहां करीबी मित्रों से मुलाकात करेंगे।

राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले प्रमुख लोगों में भोगनीपुर विधायक विनोद कटियार, कानपुर के किदवईनगर से विधायक महेश चंद्र त्रिवेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह चौहान,

पुखरायां नगर पालिका अध्यक्ष सत्यप्रकाश संखवार, रेलवे सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य शेख मोहम्मद, डॉ. अवध दुबे, पूर्व जिलाध्यक्ष राहुल देव अग्निहोत्री, आरएसजीयू डिग्री कॉलेज के प्रबंधक श्रीप्रकाश द्विवेदी, डॉ. जय गोयल आदि शामिल हैं।

पैतृक आवास पर बने मिलन केंद्र में जाएंगे राष्ट्रपति

राष्ट्रपति अपने पैतृक आवास पर बने मिलन केंद्र पर जाएंगे। राष्ट्रपति का परिवार अब परौंख से झींझक में शिफ्ट हो गया है। इसके चलते उन्होंने अपने पैतृक आवास की जमीन को सरकारी मिलन केंद्र को दान कर दी थी। जिससे कि मिलन केंद्र में गांव के बेटे और बेटियों की शादी के लिए आसानी से जगह मिल सके।

राष्ट्रपति के पैतृक गांव परौंख में एक भी इंटर कॉलेज नहीं था। इसके चलते गांव के अधिकांश बच्चे 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़ देते थे। गांव के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए साल 2000 में राष्ट्रपति ने इंटर कॉलेज की नींव रखी थी। इसमें परौंख के साथ ही आस-पास के 500 से ज्यादा छात्र-छात्राएं मौजूदा समय में पढ़ाई करते हैं।

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