मायावती ने ट्वीट कर किया ऐलान : 2022 में अकेले दम पर लड़ेंगी चुनाव, सतीश मिश्रा को दी अहम जिम्मेदारी

टीम भारत दीप |
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चंद्रशेखर उर्फ रावण जितने मजबूत हो रहे है बसपा उतनी कमजोर होती जा रही है।
चंद्रशेखर उर्फ रावण जितने मजबूत हो रहे है बसपा उतनी कमजोर होती जा रही है।

बसपा सुप्रीमो मायावती भले ही अकेले दम पर विधानसभा चुनाव 2022 में मैदान मारने की तैयारी मे है, लेकिन बसपा साल दर साल कमजोर होती जा रही है। कुछ लोग पार्टी के कमजोरे होने के साथ ही किनारा करते जा रहे है तो कुछ लोगों को बहनजी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।

लखनऊ। मिशन 2022 के रण में बसपा अकेले मैदान मारने उतरेगी। रविवार को बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को ट्वीट कर आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के बारे में पार्टी का एजेंडा साफ कर दिया। एक दिन पहले मायावती और औवैसी के साथ आने की खबर सामने आई थी।

जिसे बहन मायावती ने खारिज करते हुए भ्रामक और तथ्यहीन बताया। रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती आगामी विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने का ऐलान कर दिया है। बसपा सुप्रीमो ने ऐलान किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में बसपा किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी, बसपा अपने दम पर ही आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी।

बसपा सुप्रीमो ने रविवार को एक के बाद एक चार ट्वीट कर कहा कि मीडिया में एआईएमआईएम के साथ गठबंधन कर चुनाव में उतरने की वाली खबरों को बेबुनियाद बताया है, उन्होंने कहा कि मीडिया गलत रिपार्ट्स प्रकाशित कर रहा है।

हालांकि इस संबंध में कभी कोई बात ही नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पंजाब के अतिरिक्त उनकी पार्टी का कहीं कोई गठबंधन नहीं है और न ही पार्टी किसी अन्य पार्टी से गठबंधन करने जा रही है। आपको बता दें कि पिछले कई चुनावों से बसपा अपनी प्रतिष्ठा के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर रही है। इसका मुख्य कारण पार्टी के नेताओं का बसपा से मोहभंग होना है। 

मायावती ने स्पष्ट किया मिशन 2022 में वह अकेले मैदान मारने के लिए तैयार है। इसके अलावा राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्र को मीडिया सेल का राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर नियुक्त किया जा रहा है।

उन्होंने मीडिया से अपील की कि बसपा और उनके बारे में कोई भी खबर प्रकाशित करने अथवा चलाने से पूर्व राज्यसभा सांसद सतीशचंद्र मिश्र से उसकी जानकारी कर ली जाए, इसके बाद ही पार्टी के संबंध में कोई खबर प्रकाशित अथवा चलाई जाए।

कमजोर पड़ती जा रही है बसपा

 बसपा सुप्रीमो मायावती भले ही अकेले दम पर विधानसभा चुनाव 2022 में मैदान मारने की तैयारी मे है, लेकिन बसपा साल दर साल कमजोर होती जा रही है। कुछ लोग पार्टी के कमजोरे होने के साथ ही किनारा करते जा रहे है तो कुछ लोगों को बहनजी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।

शुरू से ही बसपाई रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले चुनाव में साथ छोड़ दिया था, इसके बाद नसीमुददीन सिद्दीकीय ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। बचे हुए दो बड़े चेहरे लालजी वर्मा और रामअचल राजभर को बहनजी ने पार्टी से निष्काषित कर दिया। इसके अलावा चंद्रशेखर उर्फ रावण जितने मजबूत हो रहे है बसपा उतनी कमजोर होती जा रही है। चंद्रशेखर से युवाओं का जुड़ाव किसी से छिपा नहीं है। 

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