कानपुर: मकान के फेर में भाभी को जिंदा जलाने वाले देवर व भतीजे को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

टीम भारत दीप |

सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सरवन व अश्वनी को सजा सुनाई।
सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सरवन व अश्वनी को सजा सुनाई।

7 मार्च 2016 की सुबह पवन की पत्नी रेखा आंगन में लगे पेड़ की पत्तियां इकट्ठा कर उसे जला रही थी। तभी सरवन और उसका बेटा अश्वनी आ गए और गाली-गलौज करते हुए रेखा को आग में धकेल दिया। चीख-पुकार सुनकर पवन और उसके बेटे अमन ने आग बुझाकर उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां नौ अप्रैल को रेखा की मौत हो गई थी।

कानपुर। यूपी के कानपुर शहर मकान के बटवारे के विवाद में भाभी को  जिन्दा  जलाने वाले देवर और उसके बेटे को अपर जिला जज 12 विनय कुमार सिंह ने उम्रकैद और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

इस केस के विषय में डीजीसी शिवभगवान गोस्वामी व ओमेंद्र दीक्षित ने बताया कि ब्रह्मनगर निवासी पवन कुमार गुप्ता और उसके भाई सरवन के बीच मकान के बटवारे को लेकर विवाद चल रहा था, इस वजह से दोनों के बीच में कई बार लड़ाई भी चुकी थी।  

घटनाक्रम के अनुसार 27 मार्च 2016 की सुबह पवन की पत्नी रेखा आंगन में लगे पेड़ की पत्तियां इकट्ठा कर उसे जला रही थी। तभी सरवन और उसका बेटा अश्वनी आ गए  और गाली-गलौज करते हुए रेखा को आग में धकेल दिया। चीख-पुकार सुनकर पवन और उसके बेटे अमन ने आग बुझाकर उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां नौ अप्रैल को रेखा की मौत हो गई थी।

पत्नी की मौत के बाद पवन ने सरवन और अश्वनी के खिलाफ नजीराबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रेखा के मजिस्ट्रेट के सामने मृत्यु पूर्व बयान भी दर्ज हुए थे। पवन और अमन समेत 12 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सरवन व अश्वनी को सजा सुनाई।

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