लखनऊः मुख्यमंत्री के इस आदेश पर रालोद ने उठाया सवाल, कहा, ‘आफत में मरीजों की जान’

टीम भारत दीप |
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निर्णय को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
निर्णय को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की है।

सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलिंडर देने की व्यवस्था के साथ साथ अपने घरों में इलाज करा रहे लोगों को भी ऑक्सीजन सिलिंडर दिए जाने के निर्देश देने की मांग की है।

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलिंडर देने की व्यवस्था के साथ साथ अपने घरों में इलाज करा रहे लोगों को भी ऑक्सीजन सिलिंडर दिए जाने के निर्देश देने की मांग की है।

रालोद राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री के एक आदेश से उन लोगों का जीवन मौत के मुँह में धकेल दिया गया है जिन्हें अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है और वे घरों में ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर अपना काम चला रहे है। शुक्रवार को जारी बयान में श्री दुबे ने कहा कि कोरोना संकट के कारण प्रदेश के हालात पर सरकार नियंत्रण नहीं कर पा रही है।

अस्पतालों व शमशान घाटों पर प्रतीक्षा सूची की लंबी लाइन है और सरकार झूठे आँकड़े पेश कर रही है। उनके मुताबिक कोरोना मरीजों के साथ जो हो रहा है वो मानवता को शर्मसार करने वाला है। कहा कि ऑक्सीजन के लिए तड़प-तड़प कर मरने की खबरें आ रही हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी जानलेवा साबित हो रही है।

घरों में किसी तरह साँसों के सहारे टिके लोग तड़प-तड़प कर मरने को मजबूर हैं और उनके घर वालों की ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए तकलीफ देखी नई जा रही है, जो की अक्षम्य अपराध है। उन्होंने मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मरीजों को ऑक्सीजन सिलिंडर न देने के निर्णय को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की है।


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