मुंबई में हत्या या आत्महत्या: एक ही पेड़ से लटकते ​मिले तीन शव, चौथा फंदा बना गुत्थी

टीम भारत दीप |

परिजनों ने 17 नंवबर को दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट।
परिजनों ने 17 नंवबर को दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट।

मुंबई के भिवंडी क्षेत्र में एक पेड़ से तीन युवकों का शव लटकता हुआ मिला। इस खबर के सामने आने से हर कोई स्तब्ध है। स्थानीय लोगों के अनुसार मरने वाले तीनों लोग आपस में रिश्तेदार है। तीनों में से एक युवक तंत्र मंत्र में विश्वास करता है।

मुंबई। मुंबई के भिवंडी क्षेत्र में एक पेड़ से तीन युवकों का शव लटकता हुआ मिला। इस खबर के सामने आने से हर कोई स्तब्ध है। स्थानीय लोगों के अनुसार मरने वाले तीनों लोग आपस में रिश्तेदार है।

तीनों में से एक युवक तंत्र मंत्र में विश्वास करता है। तंत्र मंत्र के लिए उसने घर में ही मंदिर बनवा रखा था। इससे भी हैरान करने वाली बात सामने आई है, कि पेड़ से चार फंदे लटकाए गए थे।

पुलिस को मरने वालों की केवल तीन लाशे ही मिली। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस घटनाक्रम के दौरान कोई और था।  जानकारी के अनुसार यह सभी  6 दिन पहले घर से निकले थे। न लौटने पर परिजनों पहले अपने स्तर से तलाश की, मामला दर्ज करा दिया।

इस मामले में पुलिस का कहना है कि इन तीन में से एक युवक पिछले छह वर्षों से बाबागीरी कर रहा था। सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने जंगल के उस पेड़ से चार फंदे बरामद किए। चौथा फंदा गुलाबी रंग की साड़ी का था।

पुलिस के अनुसार, शाहपुर के नितिन भेरे (30), खर्डी स्थित चांदा गांव के महेंद्र दुभेले (30) और मुकेश गायघाट (22) 14 नवंबर को घर से अचानक गायब हो गए थे। परिजनों ने 17 नवंबर को शाहपुर और खर्डी पुलिस स्टेशन में उनके गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी।

उनके गायब होने के छह दिन बाद चांदा गांव के रूपेश सापले ने जंगल में पशु चराते समय एक पेड़ से तीन लाशें लटकी देखीं। उन्होंने तुरंत खर्डी पुलिस को इसकी सूचना दी। खर्डी पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर लाशें नीचे उतारीं और पंचनामा किया।

 तंत्र-मंत्र में विश्वास: मृतक महेंद्र दुभले और मुकेश गायघाट मामा-भांजे थे। नितिन भेरे भी उनका रिश्तेदार था।नितिन ने बाबागीरी के लिए अपने घर में मंदिर भी बनवाया था।

उसमें तंत्र-मंत्र और चमत्कार की किताबें, चाकू, त्रिशूल, चाबुक और हल्दी-कुमकुम जैसी वस्तुएं भी रखी थीं। वहां भक्तों की भीड़ लगी रहती थी। उसके रिश्तेदार महेंद्र और मुकेश भी रोज नितिन रोज उसके पास आते थे।


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