सामान्य ट्रेन हो गई स्पेशल! यूं लग रही यात्रियों को चपत

टीम भारत दीप |

बेडरोल तो बंद कर दिया गया जबकि उसका किराया अभी तक यात्रियों को अदा करना पड़ रहा है।
बेडरोल तो बंद कर दिया गया जबकि उसका किराया अभी तक यात्रियों को अदा करना पड़ रहा है।

मनमानी वसूली से लोगों में खासा रोष है। बताया गया कि इसको लेकर यात्री अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं। उधर कहा गया ​है कि रेल संगठन पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद ने इस मनमानी पर नाराजगी जाहिर करते हुए एआईआरएफ से अनुरोध कर इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने को कहा है।

गोरखपुर। सामान्य ट्रेनों को स्पेशल बनाकर रेलवे लोगों को जो आर्थिक चपत लगा रहा है। उससे लोगों में खासा रोष देखा जा रहा है। इस पर रेल यात्रियों के साथ ही अब रेल संगठन भी उंगली उठाते हुए आपत्ति दर्ज करा रहा है। कहा जा रहा है कि रेलवे ट्रेनों का नाम बदलकर यात्रियों की जेब काट रहा है।

बताया गया कि​ सामान्य ट्रेनों को स्पेशल के नाम पर चलाए जाने से यात्रियों को 25 प्रतिशत तक की चपत लग रही है। वहीं अब पैसेंजर गाड़ियों को अनारक्षित एक्सप्रेस बनाकर दोगुना किराया वसूलने की तैयारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना के डर से एसी बोगियों में बेडरोल तो बंद कर दिया गया जबकि उसका किराया अभी तक यात्रियों को अदा करना पड़ रहा है।

बताया गया कि वातानुकूलित बोगियों में बेड रोल दिए जाने की व्यवस्था है। इसमें दो चादर, एक कम्बल, एक तौलिया और एक तकिया रहता है। इन सभी के लिए 25 से 30 रुपये अतिरिक्त जोड़कर रेलवे किराया लेता है। वहीं गरीब रथ ट्रेनों के किराए में बेड रोल का शुल्क किराए में नहीं जुड़ा होता है।

इसमें बेड रोल लेने वाले यात्रियों को ट्रेन में ही 25 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होता है। वहीं बताया गया कि अगर गोरखपुर से आनन्द विहार तक जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस को लेकर कहा जा रहा है। इसमें 18 वातानुकूलित कोच हैं। एक कोच में 80 सीटें हैं। इस लिहाज से कुल 1440 सीट हुए। केवल इसी ट्रेन की बात करें तो 36 हजार रुपये सिर्फ एक ही ट्रिप में यात्रियों को चूना लग रहा है।

यह तो सिफ एक ट्रेन की बात है। ऐसे में यदि सभी ट्रेनों को मिलाकर देखा जाए तो यह वसूली लाखों में होगी। इस मनमानी वसूली से लोगों में खासा रोष है। बताया गया कि इसको लेकर यात्री अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं।

उधर कहा गया ​है कि रेल संगठन पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद ने इस पर मनमानी पर नाराजगी जाहिर करते हुए एआईआरएफ से अनुरोध कर इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने को कहा है।


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