‘कलंक‘ को पड़ा यूपी पुलिस का झन्नाटेदार तमाचा, ‘सुरक्षा और स्वाभिमान‘ के मंचन में छाई ‘आधी आबादी‘

टीम भारत दीप |
अपडेट हुआ है:

सामाजिक कार्यों के माध्यम से गांव, स्कूल, काॅलेज में जागरुक कर रही है।
सामाजिक कार्यों के माध्यम से गांव, स्कूल, काॅलेज में जागरुक कर रही है।

महिला सुरक्षा, सम्मान व सशक्तिकरण को समर्पित योगी सरकार के अभियान ‘मिशन शक्ति‘ के प्रसार के क्रम में सृजन शक्ति वेलफेयर सोसाइटी के बैनर तले यह नुक्कड़ नाटक खेला गया।

लखनऊ। भारतीय संस्कृति में नारी हमेशा पूजनीय रही है। जब कलंक जैसे पुरुष नारी अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर हमारी संस्कृति को कलंकित करने का प्रयास करते हैं तो उनके साथ कैसा सलूक किया जाना चाहिए, यह ‘सुरक्षा और स्वाभिमान‘ नाम से खेले गए नाटक में बखूबी नजर आया। 

दरअसल महिला सुरक्षा, सम्मान व सशक्तिकरण को समर्पित योगी सरकार के अभियान ‘मिशन शक्ति‘ के प्रसार के क्रम में  सृजन शक्ति वेलफेयर सोसाइटी के बैनर तले यह नुक्कड़ नाटक खेला गया। 

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित सहारागंज मॉल में आयोजित इस नाटक में वरिष्ठ रंगकर्मी, अभिनेत्री व समाजसेविका डॉ. सीमा मोदी व उनकी टीम ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रेखांकित करते हुए इसके समाधान के लिए उठाए जाने वाले कदमों को बखूबी लोगों के सामने प्रस्तुत किया।
 
नाटक की महिला पात्र रेवती को मनचले लड़कों द्वारा छेड़ने और परीक्षा देने के लिए जाने से रास्ते में रोकने पर, महिला पुलिस अधिकारी द्वारा उन्हें सबक सिखाए जाने की कहानी है। नाटक में कलंक नाम का लड़का जब रेवती को रास्ते में रोक कर अपने बाप के तमंचे से डराता है, तो एसपी पुलिस डॉ सीमा एक तमाचा मार कर कहती है ‘ये देख यूपी पुलिस का तमाचा‘।  

मंचन में लडकियों को निर्भीक साहसिक रहने के साथ-साथ पुलिस व जनता की हेल्प कैसे मिल सकती है ये भी बताया गया। संस्थान की महासचिव डॉ. सीमा मोदी ने कहा कि सृजन शक्ति वेलफेयर सोसाइटी विगत कई वर्षों से रंगमंच, निःशुल्क कार्यशाला के तहत व सामाजिक कार्यों के माध्यम से गांव, स्कूल, काॅलेज में जागरुक कर रही है। 

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों व झारखंड में महिलाओं के उत्थान के लिए संस्था लगातार कार्य करते आ रही है। वहीं इस नाटक  रितेश  अस्थाना, अखिलेश त्रिपाठी, नवनीत मिश्रा, आशीष सिंह, सारिम  अंसारी, राजन, कबीर सिद्दकी, मल्लिका , सौम्या  मोदी, शुभम शुक्ला, अम्बरीष, पारिजात, शिवम सिंह आदि ने अपने  उम्दा अभिनय के जरिए अच्छी छाप छोड़ी। लेखक वरिष्ठ रंगकर्मी व लेखक  केके अग्रवाल व निर्देशन डॉ. सीमा मोदी का रहा। वहीं नेपथ्य में रितेश अस्थाना की भूमिका अहम रही।


संबंधित खबरें