बेरोजगार युवाओं के आंदोलन को विपक्षी पार्टियों का समर्थन, सड़क से सोशल मीडिया तक गुस्सा

टीम भारत दीप |
अपडेट हुआ है:

कर्नाटक के मंगलौर में प्रदर्शन करते एनएसयूआई के कार्यकर्ता।
कर्नाटक के मंगलौर में प्रदर्शन करते एनएसयूआई के कार्यकर्ता।

कई प्रदर्शन में रोजगार की तलाश कर रहे युवा भी भारी संख्या में हैं। ऐसे में इन प्रदर्शनों को न तो पूरी तरह राजनीतिक कहा जा सकता है, न ही पूरी तरह जनता का प्रदर्शन।

सोशल मीडिया डेस्क। भारतीय जनता पार्टी देश भर में जहां आज 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन मना रही है, वहीं बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों ने प्रदर्शन जारी रखा है। विपक्ष के इन प्रदर्शनों को युवाओं का भी पूरा समर्थन मिल रहा है। देश भर में सड़क से साइबर वल्र्ड तक रोजगार तलाश रहे युवाओं का सरकार के खिलाफ गुस्सा दिखाई दिया। 

सुबह से ही राजनीतिक पार्टियां और युवा ट्विटर पर नेशनल अनएम्प्लाॅयमेंट डे को ट्रेंड करा रहे हैं। इधर सड़कों पर भी प्रदर्शन जारी है। इनमें से कई राजनीतिक हैं तो कई प्रदर्शन में रोजगार की तलाश कर रहे युवा भी भारी संख्या में हैं। ऐसे में इन प्रदर्शनों को न तो पूरी तरह राजनीतिक कहा जा सकता है, न ही पूरी तरह जनता का प्रदर्शन। 

देखें वीडियो

युवाओं का नेतृत्व करने के लिए देश भर में कांग्रेस और उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से समाजवादी पार्टी आगे रही है। ट्विटर पर लगातार टाॅप ट्रेंड करने के साथ यूपी में कई जगह उग्र प्रदर्शन हुए। प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को हटाने गई पुलिस और छात्रों में पथराव हो गया। बाद में पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। 

उत्तर प्रदेश में सबसे उग्र प्रदर्शन लखनऊ और प्रयागराज में हुए। लखनऊ में आम आदमी पार्टी के कार्यकताओं ने पुलिस पर पीटने का आरोप लगाया। इन प्रदर्शनों की सबसे बड़ी वजह हाल ही में सरकार की पांच साल संविदा पर नौकरी देने की योजना है। 

यह योजना अभी लागू नहीं है लेकिन इसकी खबर भर से नौजवान गुस्से में हैं। युवाओं के इस गुस्से को राजनीतिक पार्टियां बेकार नहीं जाने देना चाहती हैं। ऐसे में वे भी अपनी राजनीतिक रणनीति को इस प्रदर्शन में भुना रही हैं।


संबंधित खबरें