प्रयागराज: संगम में विदेश से आने वाले साइबेरियन बर्ड्स परिंदों की तादाद में दिखी कमी

टीम भारत दीप |
अपडेट हुआ है:

साइबेरियन पंछी
साइबेरियन पंछी

दुनिया में फैली वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और फैले वायु पर्यावरण से पैदा हुई मुश्किलों का असर इंसान ही ​नहीं अब ​बेजुबान परिंदे ​पर भी देखने को मिल रहा है।

प्रयागराज। दुनिया में फैली वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और फैले वायु पर्यावरण से पैदा हुई मुश्किलों का असर इंसान ही ​नहीं अब ​बेजुबान परिंदे ​पर भी देखने को मिल रहा है। प्रयागराज के संगम तट पर हर साल सर्दियों के पहले लाखो की तादाद में आने वाले विदेशी परिंदों ने इस बार संगम तट आने से मुह मोड़ना शुरू कर दिया है।

नवम्बर के महीने के पहले ही अपने कलरव से त्रिवेणी के घाटो को गुलजार करने वाले विदेशी परिंदों की आवक में भारी कमी देखने को मिल रही है।

सात समंदर पार दिल्ली के रास्ते ​संगम ​पहुंचने वाले इन ​विदेशी मेहमानों के रूठ जाने से यहाँ आने वाले सैलानी मायूस है। स्थानीय लोगों की मानें तो इसकी मुख्य वजह कोरोना वायरस और वायु में फैला प्रदूषण हैं। प्रयागराज के संगम तट के घाट पर इन दिनों सुबह होते ही मन्त्रों की आवाज और शंख ध्वनि के साथ ​इन परिंदों का कलरव भी शामिल हो ​जाता था।

हर साल त्रिवेणी की धारा में आस्था की डुबकी लगाने और पर्यटन के मकसद से आने वाले लोग इन खूबसूरत परिंदों की किलकारियों का मजा ​लेते थे लेकिन इस बार संगम तट पहुंच रहे पर्यटकों को विदेशी परिंदों की आवक को लेकर मायूसी हासिल हो रही है।

हर साल भारी संख्या में आने वाले साइबेरियन पक्षियों में भारी गिरावट देखने को मिली है। हालांकि पर्यटकों का कहना है कि जैसे जैसे कोरोना और वायु प्रदूषण का असर कम होगा तो इनकी संख्या में भी इजाफा देखने को मिलेगा।

​पर्यावरण और पक्षियों के ब्यवहार पर नजर रखने वाले पक्षी विज्ञानियों का कहना है कि विदेशी परिंदों के अचानक रूठ जाने की एक बड़ी वजह कोरोना वायरस और दिल्ली और प्रयागराज सहित देश के कई शहरो में बढ़ता पर्यावरण प्रदूषण है। पक्षी विज्ञानियों का कहना है कि विदेशी परिंदे प्रदूषण को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं।


संबंधित खबरें