गंगा को साफ और स्वच्छ रखने के लिए प्रदेश की 61 नदियों का होगा कायाकल्प, जल्द बनेगा का नदियों का मैप

टीम भारत दीप |

इस रिपोर्ट के तैयार होते ही काम शुरू हो जाएगा।
इस रिपोर्ट के तैयार होते ही काम शुरू हो जाएगा।

नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत सेंटर फॉर गंगा रिवर बेसिन मैनेजमेंट एंड स्टडीज ने छठवीं इंडिया वॉटर इंपैक्ट समिट में मिशन अर्थ गंगा की शुरुआत की थी। इस मिशन के तहत सभी राज्यों की नदियों का मैप बनाया जाएगा। इसके बाद सहायक नदियों की सफाई की जाएगी।

कानपुर। देश की सबसे पवित्र नदी की निर्मलता को बनाए रखने के लिए यूपी के कानपुर से एक नए मिशन की शुरूआत हो रही है। इस मिशन का नाम है नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश की 61 सहायक नदियों का कायाकल्प इस वित्तीय वर्ष से शुरू हो जाएगा। इस काम में मनरेगा का 65 फीसदी बजट इस्तेमाल किया जाएगा। इन नदियों का जाल 8994 किलोमीटर तक फैला है।

\इस प्रोजेक्ट के शुरुआत में सबसे पहले  गंगा की सहायक नदियों को सुधारा जाएगा। ऐसा मानना है कि जब सहायक नदियां साफ होंगी, तभी गंगा को पूरी तरह से स्वच्छ करना संभव है। उत्तराखंड की तरह यूपी समेत सभी राज्यों का रिवर मैप भी तैयार किया जाएगा। 

नदियों की सफाई होगी

नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत सेंटर फॉर गंगा रिवर बेसिन मैनेजमेंट एंड स्टडीज ने छठवीं इंडिया वॉटर इंपैक्ट समिट में मिशन अर्थ गंगा की शुरुआत की थी। इस मिशन के तहत सभी राज्यों की नदियों का मैप बनाया जाएगा। इसके बाद सहायक नदियों की सफाई की जाएगी। इन नदियों के मैप बनाने में तकनीकी संस्थानों की भी मदद ली जाएगी।

क्लीन गंगा के संस्थापक प्रो. विनोद तारे ने बताया कि नदियों की सफाई की शुरुआत नए वित्तीय वर्ष में प्रदेश से होगी। 61 नदियों के नाम, इनके ब्लॉक, लंबाई की जानकारी जुटाई जा चुकी है। अतिक्रमण कहां, कहां है, इसकी रिपोर्ट बननी बाकी है। इस रिपोर्ट के तैयार होते ही काम शुरू हो जाएगा। 

रिवर मैप बनाने के लिए यूपी और आसपास के कई संस्थानों को शामिल किया गया है। इनमें आईआईटी कानपुर, बीबीएयू लखनऊ, बीएचयू, एनआईएच रुड़की हैं। इनके नाम नदियों का बंटवारा कर दिया गया है। संस्थानों को नदी की लंबाई, चौड़ाई, ब्लॉक, फैलाव, अतिक्रमण की जानकारी देनी है। 

इन संस्थानों को मिली जिम्मेदारी 

आईआईटी कानपुर के हिस्से 17 नदियां : महावा, सोत, अरिल, कटना, देओहा, हिंडन, धोरा, बहागुल, सैजिनी, गनगन, धेला, गोवर्धन, काली ईस्ट, काली, निम, नून, ककवन।

बीबीएयू लखनऊ को 15 नदियां : बेहता, कुकरैल, कुवाना, सरयान, बुद्धि राप्ती, कल्याणी, रेथ, भंभारा, राप्ती, सरजू, रोहिनी, सई, कठिना, भैसिनी, टेढ़ी। 

बीएचयू को 24 नदियां : मंदाकिनी, सेंगर, गरहरा, चंदरवाल, रिंद, बिरमा, गंच, अर्जुन, सिहू, श्याम, कोंचमलंगा, नोन, लखेरी, पतराही, केओलारी, छेंच, ससौर, मगारिया, ओहन, गंटा, अनुझर, गेडुआ, वरुणा, अस्सी।

एनआईएच रुड़की के पास पांच नदियां: काली वेस्ट, कृष्णिनी, मलिन, बनाल्ली, धारा।

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