यूपी: नियुक्ति को लेकर उठ रहे थे सवाल, बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई ने नौकरी से दिया इस्तीफा

टीम भारत दीप |

बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ.सतीश द्विवेदी के भाई डॉ. अरूण का इस्तीफा।
बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ.सतीश द्विवेदी के भाई डॉ. अरूण का इस्तीफा।

योगी सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी ने बुधवार को त्याग पत्र दे दिया है। बताया गया कि उनके त्याग पत्र को वाइस चांसलर प्रो. सुरेंद्र दुबे ने स्वीकार भी कर लिया है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटे से नौकरी पाई थी। जिसके बाद उनकी नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।

लखनऊ। योगी सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई की नौकरी मामले में लगातार बढ़ते विवाद के बीच मंत्री के भाई ने अपनी नौकरी से त्याग पत्र दे दिया है। वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक योगी सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी ने बुधवार को त्याग पत्र दे दिया है।

बताया गया कि उनके त्याग पत्र को वाइस चांसलर प्रो. सुरेंद्र दुबे ने स्वीकार भी कर लिया है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटे से नौकरी पाई थी। जिसके बाद उनकी नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। जो दिनों दिन योगी सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है। सियासी गलियारों में भी इसको लेकर तमाम सवाल खड़े किए जा रहे है।

ऐसे में त्याग पत्र देने का निर्णय सरकार के लिए भी राहत भरा रहेगा। बताते चलें कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु में मनोविज्ञान विभाग में मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया गया था। इस नियुक्ति को लेकर तमाम सवाल उठे थे। कहा जा रहा था कि वह कैसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हो सकते हैं।

वहीं अरुण द्विवेदी पर आरोप है कि उनकी पत्नी भी नौकरी करती हैं और उन्हें भी पूर्व नौकरी में करीब 70 हजार रुपए से ज्यादा मासिक वेतन मिलते था। इसके बावजूद उन्होनें गलत ढंग से ईडब्‍लूएस का सर्टिफिकेट बनवाया। मिली जानकारी के मुताबिक  डॉ. अरुण भी पूर्व वनस्थली विश्वविद्यालय में नौकरी करते थें। दरअसल बीते शुक्रवार को अरूण द्विवेदी ने विश्वविद्यालय में जॉइनिंग की थी।

इसी के बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया। इधर सोशल मीडिया पर भी इस बात को लेकर काफी हंगामा हुआ कि आखिर एक यूपी सरकार के मंत्री ने अपने भाई की जुगाड़ से नौकरी लगवा दी। इस पर विपक्षी पार्टियों ने भी मंत्री समेत योगी सरकार को घेर रखा था। वहीं विवाद बढ़ने के बाद सिद्धार्थनगर के जिला प्रशासन द्वारा अरुण कुमार के ईडब्लूएस प्रमाण पत्र की जांच भी की गई जिसे सही ठहराया गया था।

बहरहाल त्याग पत्र के निर्णय के बाद माना जा रहा है कि मंत्री समेत योगी सरकार को भी राहत मिलेगी।


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