यूपी: वैक्सीनेशन को यूं रफ्तार देगी योगी सरकार, बनाई ये रणनीति

टीम भारत दीप |

इस निर्णय से फाइजर और मॉडर्ना जैसी ग्लोबल वैक्सीन कंपिनयां प्रदेश में वैक्सीन उपलब्ध करा सकेंगी।
इस निर्णय से फाइजर और मॉडर्ना जैसी ग्लोबल वैक्सीन कंपिनयां प्रदेश में वैक्सीन उपलब्ध करा सकेंगी।

यूपी में वैक्सीनेशन की रफ्तार को और गति देने के मकसद से योगी सरकार ने एक नई रणनीति के तहत बड़ा निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार यूपी सरकार ने कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर की शर्तों में बदलाव करने का बड़ा फैसला लिया है। बताया गया कि राज्य सरकार ने ग्लोबल टेंडर की निविदा राशि को आधी करने के साथ कई रियायतें दी हैं।

लखनऊ। कोरोना को मात देने का प्रमुख हथियार वैक्सीनेशन ही बताया जा रहा है। इसी क्रम में यूपी में वैक्सीनेशन की रफ्तार को और गति देने के मकसद से योगी सरकार ने एक नई रणनीति के तहत बड़ा निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार यूपी सरकार ने कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर की शर्तों में बदलाव करने का बड़ा फैसला लिया है।

बताया गया कि राज्य सरकार ने ग्लोबल टेंडर की निविदा राशि को आधी करने के साथ कई रियायतें दी हैं। यूपी सरकार के निए निर्णय को लेकर माना जा रहा है कि इससे यूपी में वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ेगी। वहीं योगी सरकार के इस निर्णय से फाइजर और मॉडर्ना जैसी ग्लोबल वैक्सीन कंपिनयां प्रदेश में वैक्सीन उपलब्ध करा सकेंगी। बताया गया कि अब ग्लोबल टेंडर में निविदा की राशि 8 करोड़ रुपए हो गई है।

इससे पहले 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करने वाली कोविड वैक्सीन के लिए ही टेंडर मुफीद था लेकिन अब माइनस 20 से माइनस 80 डिग्री तापमान पर स्टोर हो सकने वाली वैक्सीन भी टेंडर में शामिल हो सकेंगी। टेंडर के मुताबिक कंपनियों को कोरोना वैक्सीन को सरकारी वेयरहाउस तक सुरक्षित पहुंचाना होगा।

साथ ही वैक्सीन लगने तक माइनस 20 से माइनस 80 डिग्री के तापमान वाले स्टोरेज में रखने की जिम्मेदारी भी कंपनी को ही उठानी पड़ेगी। बताते चलें कि  7 मई को योगी सरकार ने वैक्सीन खरीदने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया था। तब निविदा राशि 16 करोड़ तय की थी। जिसके बाद 12 मई को सीएम योगी ने वैक्सीन कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की थी।

बताया गया कि इस मीटिंग में फाइजर, जॉन्सन एंड जॉन्सन, सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के प्रतिनिधि शामिल रहे। बताया गया कि सरकार की योजना है कि टेंडर में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन कंपनियों को शामिल किया जाए, जिससे कि सूबे में वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बनी रहे और टीके की कोई कमी न हो। 
 


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