बवाल मचने के बाद कृ​षि मंत्री तोमर ने अपने बयान पर दी सफाई, जानिए क्या दिया था बयान

टीम भारत दीप |

सरकार ने  दोनों सदनों में प्रस्ताव पेशकर कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया था।
सरकार ने दोनों सदनों में प्रस्ताव पेशकर कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया था।

अपने ताजा बयान में कृषि मंत्री ने कहा कि मैंने यह कहा था कि सरकार ने एक बढ़िया कानून बनाया था। हमने कुछ वजहों से इस कानून को वापस ले लिया। नरेंद्र तोमर ने कहाकि मैंने कहा था कि सरकार आगे किसानों की बेहतरी के लिए काम करती रहेगी। उधर तोमर के बयान के बाद सियासी गलियारों से जबर्दस्त प्रतिक्रिया आई थी।

नईदिल्ली।केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र​ सिंह तोमर द्वारा तीन कृषि कानूनों पर दिए गए बयान के बाद खूब विरोध हुआ। इसके बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने बयान पर सफाई पेश दी। कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया।

गौरतलब है कि कल नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान तोमर ने कृषि कानूनों के संबंध में बयान दिया था। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद कृषि कानूनों को वापस लाने की साजिश की आशंका जताई थी।

तोमर ने दिया स्पष्टीकरण

अपने ताजा बयान में कृषि मंत्री ने कहा कि मैंने यह कहा था कि सरकार ने एक बढ़िया कानून बनाया था। हमने कुछ वजहों से इस कानून को वापस ले लिया। नरेंद्र तोमर ने कहाकि मैंने कहा था कि सरकार आगे किसानों की बेहतरी के लिए काम करती रहेगी।

उधर तोमर के बयान के बाद सियासी गलियारों से जबर्दस्त प्रतिक्रिया आई थी। कांग्रेस पार्टी ने तो इसे साजिश तक करार दे दिया था। गौरतलब है कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की बात कहते हुए किसानों से माफी मांगी थी। इसके बाद दोनों सदनों में प्रस्ताव पेशकर कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया था। 

कृषि मंत्री ने यह कहा था

आपकों बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को आजादी के बाद लाया गया एक बड़ा सुधार था। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया था कि सरकार इन कानूनों को वापस ला सकती है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में आयोजित कृषि उद्योग प्रदर्शनी एग्रोविजन का उद्घाटन करने के बाद वह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि कृषि क्षेत्र में निजी निवेश का आज भी अभाव है। हम कृषि सुधार कानून लेकर आए थे।

कुछ लोगों को यह रास नहीं आया, लेकिन वह 70 वर्षों की आजादी के बाद एक बड़ा सुधार था, जो नरेंद्र मोदी की सरकार के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा था। लेकिन सरकार निराश नहीं है। हम एक कदम पीछे हटे हैं, आगे फिर बढ़ेंगे। क्योंकि हिंदुस्तान का किसान हिंदुस्तान की रीढ़ की हड्डी है। 

राहुल ने बताया था पीएम की माफी का अपमान

उधर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो तोमर के बयान को प्रधानमंत्री की माफी का अपमान करार दे दिया था। उन्होंने कहाकि सरकार के इस दिशा में आगे बढ़ने पर सत्याग्रह की चेतावनी तक दे डाली थी। पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को पराजित कर उसे सबक सिखाने की लोगों से अपील की थी। तोमर की इस टिप्पणी पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि देश के कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री की माफी का अपमान किया है और यह बेहद निंदनीय है।

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