वोडाफोन-आइडिया संकट से फिर बैंकों को घबराहट, सरकार को बताई बचने की राह

टीम भारत दीप |

वोडा -आइडिया की बाजार पूंजी करीब 20 हजार करोड़ है।
वोडा -आइडिया की बाजार पूंजी करीब 20 हजार करोड़ है।

एसबीआई ने सहित अन्य कर्जदाता बैंकों ने सोमवार को यह सुझाव दिया है। उनका कहना है कि अगर कंपनी डूबती है तो सरकार और बैंकों को 1.80 लाख करोड़ का नुकसान हो जाएगा। डाट ने वोडा आइडिया को संकट से उबारने के लिए बैंकों के साथ बातचीत शुरू की थी।

नईदिल्ली। दिग्गज दूरसंचार कंपनी वोडाफोन और आइडिया प्रतिस्पर्धा के दौर में दूसरी कंपनियों से पिछड़ गई। ऐसे में इस कंपनी के कर्ताधर्ता ने हाथ खड़े कर दिए कि अब वह कंपनी को अब चलाने की स्थिति में नहीं है।

ऐसे में इन कंपनियों के डूबने से देश के बैंकों का पैसा डूब जाएगा। क्योंकि किसी कंपनी को खड़ा करने में बैंकों से कर्ज लेना पड़ता है। ऐसे में एसबीआई समेत अन्य कर्जदाता बैंकों ने दूरसंचार विभाग को सुझाव दिया है कि वोडाफोन और आइडिया के कर्ज को अगर शेयरों में बदल दिया जाए तो इन कंपनियों को भी बचाया जा सकता है साथ ही बैंकों के लोन भी नहीं डूबेंगे।

दूरसंचार विभाग की पहल पर एसबीआई ने सहित अन्य कर्जदाता बैंकों ने सोमवार को यह सुझाव दिया है। उनका कहना है कि अगर कंपनी डूबती है तो सरकार और बैंकों को 1.80 लाख करोड़ का नुकसान हो जाएगा। डाट ने वोडा आइडिया को संकट से उबारने के लिए बैंकों के साथ बातचीत शुरू की थी।

इस पर बैंकों ने नई पूजी देने से साफ इन्कार कर दिया और कंपनी के कर्ज को शेयरों में बदलने का सुझाव दिया। बैंकों कहना है कि यह विकल्प तो फौरी तौर पर ही राहत देगा। इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं है। वोडा-आइडिया ने ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन की 45 फीसद और आदित्य बिड़ला समूह की 27 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

बैंकों ने डाट से कहा कि मौजूदा हालात में सबसे बेहतर समाधान तो प्रर्वतकों की ओर से कंपनी में फंड डलाना था, लेकिन वोडा और बिड़ला दोनों ही और पूजी डालने से इन्कार कर चुके है। वोडा समूह पिछले कुछ वर्षों में कंपनी में 30 अरब डालर की पूजी डाल चुका है। कर्ज इक्विटी में बदलने से बैकं इसके साझेदार बन जाएंगे। 

कंपनी की बाजार पूंजी से कई गुना ज्यादा कर्ज

वोडा आइडिया की बाजार पूंजी करीब 20 हजार करोड़ है। वहीं कंपनी पर 1.8 लाख करोड़ का कर्ज और बकाया है। 58254 करोड़ एजीआर 96,270 करोड़ का स्पेक्ट्रम शुल्क और 23080 करोड़ बैंकों कर्ज है।

बैंकों में एसबीआई का 11 हजार करोड़ दिए है। एस बैंक 4000 करोड़, आइडीएफसी एस 3.240 करोड़, पीएनबी 3 हजार करोड़,एक्सिस बैंक 1300 करोड़, आईसीआईसीआई के 1700 करोड़ कर्ज है।

दूर संचार क्षेत्र का समाधान निकालेगी सरकार: राजस्व सचिव

कर्ज और घाटे से परेशान दूरसंचान की समस्याओं के प्रति सरकार गंभीर है। इसका जल्द समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी। राजस्व सचिव तरूण बजाज ने सोमवार को बताया कि वोडा आइडिया के बढ़ते संकट को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएंगे।

दूरसंचार विभाग बैंकों से बातचीत कर रहा है। इससे पहले बिड़ला समूह के पूर्व चेयरमैन कुमार मंगलम ने सरकार को पत्र लिखकर अपनी हिस्सेदारी देने की पेशकश कर चुके है। 

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