कानपुर में जीका वायरस का विस्फोट, एक साथ मिले 30 संक्रमित, कुल संक्रमित हुए 66

टीम भारत दीप |

संक्रमितों के लिए  कांशीराम अस्पताल, डफरिन और हैलट में बेड आरक्षित हैं।
संक्रमितों के लिए कांशीराम अस्पताल, डफरिन और हैलट में बेड आरक्षित हैं।

संक्रमितों को अभी होम आइसोलेशन में रखा गया है। मच्छरदानी में रहने को कहा गया है। जो 10 महिलाएं जीका पॉजिटिव मिली हैं, उनमें कोई गर्भवती नहीं है। इसके अलावा संक्रमितों में किसी को भर्ती नहीं किया गया है। अब तक कुल 28 महिलाएं जीका संक्रमित हो चुकी हैं।

कानपुर। यूपी के कानपुर शहर में डेंगू के बाद अब जीका वायरस लगातार खतरनाक होता जा रहा है। 23 अक्टूबर को मिले पहले मरीज के बाद से ही स्वास्थ विभाग की टीम घर—घर जाकर संक्रमितों का पता लगाने के लिए सैंपल लिए।

गुरुवार को सैंपल की जांच के बाद आई रिपोर्ट के बाद ​स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया। क्योंकि कानपुर में जीका वायरस के संक्रमण के फैलाव में विस्फोट हो गया। अब तक के सबसे अधिक 30 संक्रमित मिले हैं।

चकेरी क्षेत्र के कंटेनमेंट जोन से भेजे गए सैंपल में जीका वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई है। नए संक्रमितों में 10 महिलाएं और 20 पुरुष हैं। इसके साथ ही जीका संक्रमितों की कुल संख्या 66 हो गई है।

घर-घर दवा छिड़क रही टीम 

स्वास्थ विभाग की सर्विलांस टीमें प्रभावित मोहल्लों में जाकर लार्वासाइडल का छिड़काव कर रही है। स्वास्थ्य विभाग ने चकेरी क्षेत्र के जीका प्रभावित मोहल्ले हरजेंदर नगर, एयरफोर्स परिसर, पोखरपुर, लालकुर्ती, मोतीनगर, अशरफाबाद, आदर्शनगर आदि से सैंपल भेजे थे। सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि 30 व्यक्तियों की रिपोर्ट जीका पॉजिटिव आई है। इनमें 10 महिलाएं हैं।

मच्छरदानी में रहने की हिदायत

संक्रमितों को अभी होम आइसोलेशन में रखा गया है। मच्छरदानी में रहने को कहा गया है। जो 10 महिलाएं जीका पॉजिटिव मिली हैं, उनमें कोई गर्भवती नहीं है। इसके अलावा संक्रमितों में किसी को भर्ती नहीं किया गया है।

अब तक कुल 28 महिलाएं जीका संक्रमित हो चुकी हैं। इनमें एक गर्भवती है, जो होम आइसोलेशन में है। संक्रमितों के मिलने के बाद अधिकारियों ने बैठक करके स्थिति की समीक्षा की।

लखनऊ में कराई जा रही जांच

आपकों बता दें कि सैंपल की जांच किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से कराई गई थी।  रैपिड रिस्पांस टीमों ने मौके पर जाकर संक्रमितों की हिस्ट्री ली।

सीएमओ डॉ. सिंह का कहना है कि आरआरटी टीमें संक्रमितों पर लगातार नजर रख रही हैं। कांशीराम अस्पताल, डफरिन और हैलट में बेड आरक्षित हैं। अगर किसी रोगी को जरूरत पड़ेगी तो तुरंत शिफ्ट कर दिया जाएगा।

दिल्ली और लखनऊ से आई इंसेक्ट कैचर की टीम अपने साथ मच्छरों के सैंपल ले गई है। इसके पहले भी दो सौ मच्छरों के सैंपल भेजे जा चुके हैं। इनमें एक मच्छर के पेट से जीका वायरस निकला है।

इसके बाद विशेषज्ञ संग्रहकर्ताओं को बुलाया गया। जिस भी मोहल्ले में जीका संक्रमित मिले हैं, वहां के एडीज एजिप्टाई मच्छरों का सैंपल लिया गया। इससे क्षेत्र के मच्छरों के जीका संक्रमित होने के संबंध में पता चलेगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जीका वायरस हवा और रोगी को छूने, उसके पास उठने-बैठने से नहीं फैलता है। अगर मच्छर रोगी को काटने के बाद दूसरे व्यक्ति को काटेगा तभी संक्रमण होता है। इसके अलावा जीका जानलेवा भी नहीं है। 60 फीसदी लोगों को तो पता ही नहीं चलता कि संक्रमण हुआ है।

इस तरह बचे जीका वायरस से

  • खुद को मच्छरों के काटने से बचाएं
  • फुल आस्तीन के कपड़ों से शरीर ढंके रहें
  •  गर्भवती महिलाएं मच्छरदानी में रहें
  • एक दिन से अधिक बर्तन में पानी भरा न रखें
  • लक्षण उभरें तो तुरंत जांच करा लें
     

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