लखनऊ: फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन का इंतजार, नगर निगम के 300 से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित

लगातार मौत होने के बाद भी 12 हजार कर्मचारियों को वैक्सीन अभी तक नहीं लग सकी है। बताया गया कि नौ हजार के करीब सफाई कर्मचारी और एक हजार कर्मचारियों की सैनिटाइजेशन करने वाली टीम है। यह हर वक्त संक्रमण के खतरे के बीच काम करती है। मगर उनको भी वैक्सीन की सुविधा नहीं मिल रही है।
लखनऊ। कोरोना को लेकर मचे हाहाकार के बीच संक्रमण के मामलों की रफ्तार में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। ऐसे में फ्रंटलाइन वर्करों की अनदेखी भारी पड़ सकती है। यूपी की राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां स्वास्थ्य विभाग के साथ निगम के कर्मचारी भी फ्रंटलाइन वर्कर हैं। लेकिन यह महज कागजों तक की सीमित है।
लगातार मौत होने के बाद भी करीब 12 हजार कर्मचारियों को अभी तक वैक्सीन नहीं लग पाई है और उन्हें वैक्सीन का इंतजार है। दरअसल सूबे की राजधानी लखनऊ में नगर निगम में कार्यरत करीब 30 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो चुकी है। यहां 300 से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं। वहीं परिवार में भी कई लोगों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी हैं।
उधर सूबे की सरकार के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के साथ निगम के कर्मचारी भी फ्रंटलाइन वर्कर हैं मगर ये सब महज कागजों तक ही सीमित है। मिली जानकारी के मुताबिक लगातार मौत होने के बाद भी 12 हजार कर्मचारियों को वैक्सीन अभी तक नहीं लग सकी है।
बताया गया कि नौ हजार के करीब सफाई कर्मचारी और एक हजार कर्मचारियों की सैनिटाइजेशन करने वाली टीम है। यह हर वक्त संक्रमण के खतरे के बीच काम करती है। मगर उनको भी वैक्सीन की सुविधा नहीं मिल रही है। बताया गया कि नगर निगम के अधिकारियों ने खुद तो वैक्सीन लगा ली है।
इसमें कई लोगों ने अपने साथ काम करने वाले स्टॉफ को भी वैक्सीन लगवाई है। उधर 7 से 12 हजार रुपये संविदा और ठेकाप्रथा पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी वैक्सीन लगने का इंतजार है। बताया गया कि स्थिति यह है कि निगम के कर्मचारी संगठन भी खानापूर्ति के लिए विभागीय वाट्सऐप ग्रुप पर एक मांग कर बात को खत्म कर देते है।
इधर संक्रमित कर्मियों की संख्या बढ़ने से नगर निगम के अलावा राजधानी के लोगों को भी नुकसान हो रहा है। बताया गया कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के अलावा सफाई समेत कई काम प्रभावित हो रहे हैं। हालात यह है कि शहर के कई इलाकों में नियमित कूड़ा नहीं उठ रहा है।
वहीं वैक्सीन न लगने के कारण भय की वजह से नियमित कर्मचारी अवकाश पर चले गए हैं। बताया गया कि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक नियमित सफाई कर्मचारियों की संख्या करीब तीन हजार हैं। इसमें से अधिकतर अवकाश पर चले गए है। मगर ठेका पर काम करने वाले कर्मी अवकाश पर भी नहीं जा सकते हैं।
उनका वेतन कट जाता है। क्योंकि ऐसे में घर चलाना मुश्किल होता है। बताया गया कि शहर की सफाई और स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी खुद कोरोना संक्रमित हो चुके है। जिस वजह से प्रॉपर मॉनिटरिंग भी नहीं हो रही है।
वहीं लखनऊ के नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी के मुताबिक नगर निगम में संक्रमण बढ़ा है। मगर इसके बावजूद शहर में सफाई व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था को दुरुस्त रखने की कोशिश है। बताया गया कि निगम के सभी कर्मचारियों की कोरोना जांच कराई जाएगी। CMO से इस मामले में बात हुई है। इसमें निगेटिव वाले कर्मचारी को काम पर बुलाया जाएगा।