लखनऊ: केजीएमयू बताएगा ब्लैक फंगस के लिए कारगर दवा, सभी मेडिकल कॉलेजों से मरीजों के मांगे गए सैंपल

टीम भारत दीप |
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अभी ऐसे केसों में प्रमुख रूप से 3 दवाएं दी जा रही हैं।  ये दवाएं काफी महंगी है।
अभी ऐसे केसों में प्रमुख रूप से 3 दवाएं दी जा रही हैं। ये दवाएं काफी महंगी है।

यहां सैंपल का एंटी फंगल टेस्ट करके यह देखा जाएगा कि संबंधित मरीज पर कौन सी दवा ज्यादा कारगर रहेगी।केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. प्रशांत गुप्ता के मुताबिक उनकी लैब में संबंधित फंगस का कल्चर तैयार कर उसकी जांच की होगी।

लखनऊ। कोरोना के कहर के बीच अब ब्लैक फंगस को लेकर लोग भयाक्रांत है। शासन—प्रशासन इसको लेकर अलर्ट मोड पर है। इस बीच जानकारी मिली कि अब ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए कौन सी दवा कितनी कारगर होगी, यह एशिया के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में शुमार राजधानी लखनऊ स्थित किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय(केजीएमयू) बताएगा।

बताया गया कि सूबे के सभी मेडिकल कॉलेजों से ऐसे मरीजों के सैंपल मांगे गए हैं। बताया गया कि यहां सैंपल का एंटी फंगल टेस्ट करके यह देखा जाएगा कि संबंधित मरीज पर कौन सी दवा ज्यादा कारगर रहेगी।केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. प्रशांत गुप्ता के मुताबिक उनकी लैब में संबंधित फंगस का कल्चर तैयार कर उसकी जांच की होगी।

जिसमें पता लगाया जाएगा कि कौन सी एंटी फंगल दवा संबंधित फंगस पर अधिक कारगर रहेगी। बताया गया कि अभी ऐसे केसों में प्रमुख रूप से 3 दवाएं दी जा रही हैं। बताया गया कि ये दवाएं काफी महंगी है। माना जा रहा है कि  जब सटीक दवा की जानकारी मिल जाएगी तो संबंधित मरीज का इलाज करने में आसानी होगी।

उधर डॉ. गुप्ता के मुताबिक इस फंगस का पता लगाने में नेजल स्वाब के बजाय बायोप्सी सैंपल अधिक कारगर है। बताया गया कि स्वाब में फंगस पकड़ में कम आते हैं। उनके मुताबिक बायोप्सी जांच काफी जटिल है। बताया गया कि इसमें मैनुअल मेथड का इस्तेमाल होता है।


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