आगरा जिला जेल में दुष्कर्म के आरोपी ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, मचा हड़कंप

टीम भारत दीप |

जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि बंदी के खुदकुशी करने के कारणों की जांच की जा रही है।
जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि बंदी के खुदकुशी करने के कारणों की जांच की जा रही है।

आरोपी ने एत्मादपुर के झरना नाला में इस साल 29 मार्च को होली के दिन विवाहिता के साथ उसके पति के सामने दुष्कर्म की वारादात को अंजाम दिया था। मालूम हो कि विवाहिता होली के त्योहर पर अपने पति के साथ बाइक से मायके एत्माद्दौला आ रही थी। एत्मादपुर हाईवे पर झरना नाला जंगल के पास बाइक सवार तीन युवकों ने दंपती को रोक लिया था।

आगरा।  आगरा जिला जेल में सजा काट रहा सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित ने सोमवार रात को खुदकुशी ली। दो मंजिला बैरक की छत पर जाने वाले बंद दरवाजे के कुंडे में साफी से फंदा लगाकर लटक गया। बैरक का दरवाजा चेक करने पहुंचे बंदी रक्षकों ने उसे फंदे पर लटका देख अधिकारियों को सूचना दी।

इससे जेल प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। बंदी के खुदकुशी करने के कारण का पता नहीं चल सका है।मालूम हो कि आरोपी ने एत्मादपुर के झरना नाला में इस साल 29 मार्च को होली के दिन विवाहिता के साथ उसके पति के सामने दुष्कर्म की वारादात को अंजाम दिया था।

मालूम हो कि विवाहिता होली के त्योहर पर अपने पति के साथ बाइक से मायके एत्माद्दौला आ रही थी। एत्मादपुर हाईवे पर झरना नाला जंगल के पास बाइक सवार तीन युवकों ने दंपती को रोक लिया था। उन्हें धमकी देकर जबरन जंगल के अंदर ले गए थे।

वहां पति को बंधक बना उसके सामने पत्नी से तीनों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। मामले में पीड़िता ने एत्माद्दौला शाहदरा निवासी गौरी शंकर उर्फ गौरी राजपूत और मोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उनसे पूछताछ में तीसरे आरोपित योगेश निवासी पालीवाल गली एत्माद्दौला का नाम सामने आया था।

पुलिस ने योगेश को गिरफ्तार करके उसे दंपती से लूटी रकम और पिटाई में प्रयुक्त डंडा बरामद किया था। आरोपित याेगेश को पुलिस ने चार अप्रैल को जेल भेजा था। उसे जिला जेल की आठ नंबर बैरक में रखा गया था। सोमवार रात को करीब आठ बजे बंदी रक्षक को दोमंजिला बैरक की छत पर जाने वाले दरवाजे को चेक करने गया था।

दरवाजे पर ताला लगाकर रखा जाता है। इससे कि कोई बंदी छत पर न जा सके। बंदी रक्षक ने आरोपित योगेश का शव दरवाजे के कुंडे से फंदे पर साफी से लटका देखा। योगेश ने गले पर फंदा कसने के बाद अपने पैर सीढ़ियों पर लटका दिए थे। इससे फंदा गले पर कसने से उसकी मौत हो गई। जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि बंदी के खुदकुशी करने के कारणों की जांच की जा रही है।

बैरक में भेजने से पहले बंदियों की होती है गिनती

बंदियों को बैरक में भेजने से पहले गिनती की जाती है। बैरक में बंदियों को किस समय भेजा गया था। यदि उनकी गिनती की गई थी तो योगेश उस समय वहां मौजूद था या नहीं, ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब जानने का प्रयास पुलिस कर रही है।

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