आगरा डॉक्टर के अपहरण का मुख्य आरोपी एक लाख का इनामी बदन सिंह मुठभेड़ में ढेर

टीम भारत दीप |

एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बदन सिंह पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बदन सिंह पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

आपको बता दें कि ट्रांसयमुना कॉलोनी निवासी डॉ. उमाकांत गुप्ता के अपहरण की साजिश धौलपुर के बदमाश बदन सिंह ने रची थी। उसकी साथी युवती संध्या उर्फ मंगला ने अंजलि बनकर डॉक्टर से बात की थी। उनसे नौकरी के बहाने मिली थी। इसके बाद अगवा कर ले गई थी। डॉक्टर को 31 घंटे बाद ही पुलिस ने मुक्त करा लिया था।

आगरा। आगरा के डॉक्टर उमाकांत गुप्ता के अपहरण में शामिल और फिरौती की मांग करने वाला एक लाख का इनामी बदमाश बदन सिंह थाना जगनेर के कछपुरा क्षेत्र में पुलिस से हुई मुठभेड़ में अपने एक साथी के साथ मारा गया है। 
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुठभेड़ के दौरान एसएसपी आगरा एवं एसपी वेस्ट व अन्य अधिकारियों की बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगी। पुलिस टीम के 2 सदस्य भी मुठभेड़ में घायल हुए हैं।

आपको बता दें कि ट्रांसयमुना कॉलोनी निवासी डॉ. उमाकांत गुप्ता के अपहरण की साजिश धौलपुर के बदमाश बदन सिंह ने रची थी। उसकी साथी युवती संध्या उर्फ मंगला ने अंजलि बनकर डॉक्टर से बात की थी। उनसे नौकरी के बहाने मिली थी। इसके बाद अगवा कर ले गई थी। डॉक्टर को 31 घंटे बाद ही पुलिस ने मुक्त करा लिया था। बदन सिंह दस्यु केशव गुर्जर के लिए काम करता था। बदन सिंह की गिरफ्तारी के लिए भी टीमें लगी हुई थीं। 

एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बदन सिंह पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। बदमाश बदन सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम धौलपुर में ही डेरा डाले हुए थी। बीहड़ में पुलिस बदन सिंह की तलाश कर चुकी थी। मगर, वह हाथ नहीं आ रहा था। मौसम खराब होने की वजह से पुलिस के लिए बीहड़ में जाना मुश्किल हो रहा था लेकिन कछपुरा क्षेत्र में मुठभेड़ में वह मारा गया। 

बदमाशों के चंगुल से छूटने के बाद  डॉ. गुप्ता का कहना था कि शुक्र था पुलिस आ गई, नहीं तो जान नहीं बच पाती। बदमाश तो बीहड़ में रखकर ही उन्हें मार डालते। डॉक्टर उमाकांत गुप्ता के मुताबिक, बदमाशों ने कार से उतारकर बाइक पर बैठाया था।

कुछ दूरी पर जाकर खाना खिलाने के बाद पैदल खेत में ले गए थे। दिन होते ही बदमाश उनको बीहड़ के अंदर ले आए थे। इस दौरान गर्मी होने लगी थी। इससे वो बेहाल हो गए थे। उनके दो ऑपरेशन हो चुके हैं। आपकों बता दें कि डॉ.उमाकांत की आगरा के बड़े डॉक्टरों में गिनती होती है। उनके अपहरण के बाद आगरा से लेकर प्रदेश की राजधानी तक हड़कंप मच गया था।  


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