आगरा में 43 लाख की लूट के मामले में फरार जीएसटी अधिकारियों के घरों की होगी कुर्की

टीम भारत दीप |

आरोपित सिपाही और चालक को पुलिस ने जेल भेज दिया।
आरोपित सिपाही और चालक को पुलिस ने जेल भेज दिया।

मथुरा गोविंद नगर के निवासी विनायक ट्रेडर्स फर्म के मालिक प्रदीप अग्रवाल 30 अप्रैल की रात को बिहार से लौट रहे थे। लखनऊ एक्सप्रेसवे के फतेहाबाद टोल पर उनकी गाड़ी को रोका गया था। वाणिज्य कर के अधिकारी उन्हें जयपुर हाउस स्थित कार्यालय पर लेकर आए थे।व्यापारी का आरोप है कि अधिकारियों ने उसे जेल भेजने का डर दिखाकर 43 लाख रुपये लूट लिए गए थे।

आगरा। यूपी के आगरा शहर में हुई चांदी कारोबारी से 43 लाख रुपये की लूट के मामले में फरार आरोपी असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर अजय कुमार और अधिकारी शैलेंद्र कुमार के घरों की कुर्की की तैयारी पुलिस कर रही है। 23 अगस्त को कुर्की पूर्व नोटिस चस्पा करने का एक माह पूरा हो रहा है।

इस विषय में सीओ सदर विवेचना कर रहे हैं। अब वो कुर्की के लिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र देंगे। अजय कुमार लखनऊ के इंदिरा नगर और शैलेंद्र कुमार चंदौली के रहने वाले हैं। उनके फ्लैट सिकंदरा क्षेत्र के दो अपार्टमेंट में भी हैं।

मथुरा गोविंद नगर के निवासी विनायक ट्रेडर्स फर्म के मालिक प्रदीप अग्रवाल 30 अप्रैल की रात को बिहार से लौट रहे थे। लखनऊ एक्सप्रेसवे के फतेहाबाद टोल पर उनकी गाड़ी को रोका गया था। वाणिज्य कर के अधिकारी उन्हें जयपुर हाउस स्थित कार्यालय पर लेकर आए थे।


व्यापारी का  आरोप है कि अधिकारियों ने उसे जेल भेजने का डर दिखाकर 43 लाख रुपये लूट लिए गए थे। इस मामले में थाना लोहामंडी में मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार, वाणिज्य कर अधिकारी शैलेंद्र कुमार, सिपाही संजीव कुमार और निजी गाड़ी चालक दिनेश कुमार को नामजद किया गया। 

आरोपित सिपाही और चालक को पुलिस ने जेल भेज दिया। दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। आईजी नवीन अरोरा ने फरार दोनों अधिकारियों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित किया था। सीओ सदर राजीव कुमार ने बताया कि दोनों अधिकारियों ने पूर्व में मेरठ कोर्ट में समर्पण के लिए प्रार्थनापत्र डाला था।

मगर, वो हाजिर नहीं हुए। अब हाईकोर्ट में समर्पण प्रार्थनापत्र डाला है। दोनों के घरों पर कुर्की नोटिस चस्पा किए जा चुके हैं। 23 अगस्त को एक महीना नोटिस देने की अवधि का पूरा हो जाएगा।

दो आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। मगर, लूट की रकम बरामद नहीं हो सकी है। अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद ही लूटे गए 43 लाख रुपये बरामदगी के प्रयास किए जाएंगे। 

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